झारखंड में 2016 से 2022 तक 16,03,268 प्रधानमंत्री आवास बनाना था, लेकिन अभी तक 2,47,150 आवास को कंप्लीट नहीं किया जा सका है। यह ऐसे आवास हैं, जिसकी छत की ढलाई ग्रामीणों ने 5 साल बाद भी नहीं की है, जबकि ग्रामीणों ने योजना के 1.25 लाख रुपए उठा लिए। चूंकि छत नहीं बनने की वजह से आवासों की जीओ टैगिंग भी नहीं हो पाई। इसकी वजह से राज्य को केंद्र से इन आवासों का फंड भी नहीं मिल पाया है। ऐसे में राज्य सरकार ने इन अधूरे आवास को पूरा करने के लिए बांग्ला टाली, देसी टाली, एसबेस्टस शीट से पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार की ओर से सभी जिले के डीसी को इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया गया है। ग्रामीण विकास विभाग ने बीडीओ के साथ वर्चुअल बैठक कर अधूरे आवास को पूरा करने के लिए यह फॉर्मूला निकाला है। डीसी ने भी छत के स्वरूप में परिवर्तन के लिए अनुरोध किया था। इसी काे देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने स्वीकृत मॉडल के अनुसार आवास निर्माण कराने को कहा है।
सिर्फ गुमला में होगी छत की ढलाई, कारण- यहां एसबेस्टस या टाली पर्याप्त मात्रा में नहीं
गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा कोडरमा मेंे टाली का इस्तेमाल ग्रामीण विकास के नए आदेश के अनुसार बोकारो, रामगढ़, रांची, खूंटी, सरायकेला-खरसावां, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़, देवघर, दुमका, धनबाद के ग्रामीण बांग्ला या देसी टाली और एसबेस्टस शीट से आवास पूर्ण कर सकते हैं। गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, हजारीबाग, कोडरमा, सिमडेगा, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह और लोहरदगा के ग्रामीण बांग्ला टाली का इस्तेमाल कर सकते हैं। सिर्फ गुमला जिले में सीमेंट कंक्रीट की छत बनाना है। विभाग ने बताया है कि गुमला में टाली या एसबेस्टस पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते, इसलिए वहां छत की ढलाई करें।
भौगोलिक स्थिति के अनुसार निर्णय : मंत्री
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में वर्ष 2016 से प्रधानमंत्री आवास अधूरे हैं। इन्हें पूर्ण कराने के लिए राज्य की भौगोलिक दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है। जिस जिले में जैसी व्यवस्था है उस हिसाब से आदेश दिया गया है कि एसबेस्टस या टाली से आवास की छत को पूर्ण करा लें। ताकि राज्य के बचे लाभुकों को भी आवास योजना का लाभ देने में कोई परेशानी न हो।
पीएम आवास निर्माण प्रथम किस्त में दिए जाते है 40 हजार रुपए : प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए प्रथम किस्त में लाभुक के खाते में 40 हजार रुपए, दूसरी किस्त में 85 हजार और तीसरी किस्त में 5 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा 21375 रुपए मजदूरी के रूप में दी जाती है। यही नहीं, स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 हजार रुपए से शौचालय निर्माण कराया जाता है। नि:शुल्क बिजली और गैस कनेक्शन भी दिया जाता है।
जिस जिले में जिस तरह के सामान आसानी से उपलब्ध हैं, उसी के आधार पर पीएम आवास की छत बनाने का आदेश दिया गया हैै। गुमला में सीमेंट कंक्रीट की छत बननी है। वहां के जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लया गया है।
कमल कुमार, को-ऑर्डिनेटर, चास प्रखंड
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.