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भाजपा जिला कार्यालय में सन्त बाबा गाडगे की 144 वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष ने की। जिसमें वक्ताओं ने सन्त बाबा गाडगे की जीवनी पर प्रकाश डाला। कहा कि संत गाडगे का जीवन अत्यंत दुखद रहा।
उन्होंने अपने आप को कष्ट में डाल कर समाज के लिए अनेक धर्मशाला और शिक्षण संस्थान बनाया। उनकी जयंती पर उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है । तभी समाज को सही दशा और दिशा मिलेगा। राष्ट्रसंत गाडगे बाबा सच्चे निष्काम कर्मयोगी थे। उनका बचपन का नाम डेबूजी झिंगराजी जानोरकर था।
गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेणगांव अंजनगांव में हुआ था। उन्होंने महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय और छात्रावासों का निर्माण कराया, लेकिन अपने सारे जीवन में उन्हाेंने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई।
धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। उन्होंने अंधविश्वास, आडंबरों, रूढ़ियों और सामाजिक कुरीतियों और दुर्व्यसनों का विरोध किया। मौके पर जिला अध्यक्ष महादेव दुबे, महापौर सुनील पासवान, प्रकाश दास, महामंत्री धीरन पासवान, प्रकाश दास, उपाध्यक्ष मालती देवी, उमेश दास, अमर तुरी, हरि दास, टेको रविदास, सुरेश हाजरा, राजकुमार, रिंकू रजक, चेता दास, भोला पासवान, शंकर दास, अमित पासवान, रूपलाल दास, राजेश हाज़रा, भरत आदि मौजूद थे।
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