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हिंदी पंचांग के अनुसार साल 2021 में संवत 2078 की शुरुआत होगी। इस साल दो सूर्य व दो चंद्र ग्रहण होंगे। हालांकि दोनों ही सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे। जबकि चंद्र ग्रहण देश के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से थोड़ी देर के लिए दिखाई देंगे। इस साल शनि की राशि परिवर्तन नहीं होगा। इस वजह से इस ग्रह की साढ़ेसाती व ढय्या की स्थिति में बदलाव नहीं होगा। दो सूर्य व दाे चंद्र ग्रहण में पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार, 10 जून को होगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
यह उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तरी अंटाकर्टिका महासागर में दिखाई देगा। इसके बाद 4 दिसंबर को ग्रहण होगा। ये ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। अंटार्कटिका, दक्षिणी अफ्रीका व आस्ट्रेलिया में ग्रहण देखा जा सकेगा। भारत में दोनों ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा।
पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगेगा
पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को होगा। ये आंशिक ग्रहण रहेगा। भारत के पश्चिम बंगाल व इसके आसपास के क्षेत्र में ग्रहण कुछ देर के लिए दिखेगा। इसके बाद 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा। ये ग्रहण अरुणाचल प्रदेश में बहुत कम समय के लिए दिखेगा। जिन क्षेत्रों में चंद्र ग्रहण नहीं दिखेगा वहां सूतक नहीं रहेगा।
शनि की साढ़ेसाती व ढय्या की स्थिति
इस साल शनि राशि नहीं बदलेगा। अभी ये ग्रह मकर राशि में है। इस वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती रहेगी। मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढय्या रहेगा। शनि के अशुभ असर से बचने के लिए हर शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
गुरु का राशि परिवर्तन कब होगा
देवगुरु बृहस्पति एक राशि में करीब एक साल रुकता है। 5 अप्रैल को ये ग्रह राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। गुरु ग्रह के अशुभ असर से बचने के लिए हर गुरुवार शिव पूजा करनी चाहिए और बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। चने की दाल का दान करें।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
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