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एशिया की सबसे बड़ी श्रमिक नगरी भूली में रहने वाले लाेग गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इस भीषण गर्मी में करीब एक लाख की आबादी पानी के लिए परेशान हैं। नगर निगम गठन के 10 साल बाद भी यहां के लाेगाें की पानी की समस्या अबतक दूर नहीं हाे पाई है। भूली बी ब्लॉक, सी ब्लॉक, डी ब्लॉक, ई ब्लॉक, बीएल कॉलोनी आदि क्षेत्रों की अधिकांश आबादी आज भी पानी खरीद कर पीने काे मजबूर हैं।
भूली के रहने वाले लाेग निजी बोरिंग कर पानी बेचने वालों से 500 रुपए प्रति माह की दर से पानी खरीद कर पी रहे हैं। वहीं ए ब्लॉक की कुछ आबादी आजाद नगर में बने जलमीनार पर निर्भर है। पानी संकट दूर करने के लिए 8 साल पहले बी ब्लॉक तथा डी ब्लॉक में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत पीएचईडी ने दो जलमीनार का निर्माण कराया गया था। लेकिन आठ साल बाद भी इस जलमीनार से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी।
पहले एनओसी, अब पाइप शिफ्टिंग से अटका मामला
जलमीनार से पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हाेने के कई तकनीकी कारण हैं। पहला तकनीकी पेंच रेलवे की ओर से देर से एनओसी मिलना रहा। सिजुआ की ओर से आने वाली पाइपलाइन को रेलवे से एनओसी नहीं मिलने से दो साल तक काम बंद रहा। फिर रेलवे से एनओसी मिलने के बाद पिछले वर्ष बी ब्लॉक पानी टंकी तक पानी भी पहुंचा। पानी सप्लाई की टेस्टिंग भी हुई। लेकिन अब 8 लेन सड़क निर्माण में पाइप शिफ्टिंग का मामला अटक गया। जिसके कारण पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई।
जलमीनार से पाइपलाइन बिछाने का काम भी पूरा
8 साल पहले जब जलमीनार बनना शुरू हुआ था तब से भूली के लाेग आशा भरी निगाहों से निर्माण कार्य पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। जलमीनार का निर्माण कार्य पूरा हुए कई साल भी बीत चुके हैं। लेकिन अबतक जलमीनार से जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है। स्थानीय लाेगाें के अनुसार जलमीनार से अलग-अलग क्षेत्राें में पाइपलाइन बिछाने का काम भी पूरा कर लिया गया है। लेकिन आज भी पानी के लिए लाेग तरस रहे हैं।
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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