जोड़ाफाटक रोड में राम मंदिर के ठीक सामने स्थित आशीर्वाद टावर में लगी आग की अग्निशमन विभाग जांच कर रहा है। गुरुवार की शाम 4 बजे तक जांच चली। अग्निकांड के कारणों का पता लगाने के लिए स्टेट फायर ऑफिसर जगजीवन बुधवार की रात और फिर गुरुर र को आशीर्वाद टावर पहुंचे। स्टेट फायर ऑफिसर पूरे अपार्टमेंट में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम को देखा। जिस फ्लैट से आग की शुरुआत हुई। फ्लैट ऑनरों से बात कर आग लगने के कारणों की जानकारी ली।
यर सेफ्टी वाटर पाइप से आग पर काबू पाने की कोशिश की गयी थी, नहीं निकला पानी
जांच में यह बात सामने आई कि फ्लैट ऑनरों ने कोरिडोर में लगे फायर सेफ्टी वाटर पाइप से आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन उससे एक बूंद भी पानी नहीं निकला। इसकी वजह थी कि फायर सेफ्टी से कनेक्ट वाटर टैंक में पानी स्टोर था ही नहीं। पानी रहता तो आग पर काबू पाया जा सकता था। अपार्टमेंट के लिए फायर सेफ्टी एनओसी तो लिया गया था लेकिन फायर फाइटिंग सिस्टम कितना कारगर है, इसकी जांच नहीं हुई थी। हादसे के दिन सिस्टम की पोल खुल गई। फायर ऑफिसर दो दिनों के अंदर वरीय अधिकारियों को जांच रिपोर्ट सौंपेंगे।फॉरेंसिक टीम की जांच में खुला भेद... जिस फ्लैट में सबसे पहले लगी आग, वहां इंटीरियर डेकोरेशन के कारण लपटें और बढ़ीं रांची से धनबाद पहुंची फॉरेंसिक टीम ने गुरुवार को सेकंड फ्लोर के उस फ्लैट में जांच की, जहां से आग की शुरुआत हुई। थी। फ्लैट में रखे सारे सामान जलकर खाक हो चुका थे। दीवार में जले हुए अवशेष बचे थे। फॉरेंसिक टीम दीवार से जले हुए अवशेषों का नमूना लिया।
इंटीरियर डेकोरेशन की वजह से तेज हो गयी आग की लपटें
फ्लैट में काफी रुपए खर्च कर इंटीरियर डेकोरेशन किया गया था। इसी इंटीरियर डेकोरेशन ने आग की लपटों को तेज कर दिया। बताया जा रहा है कि इंटीरियर डेकोरेशन में जिस वस्तु का इस्तेमाल होता है, वह आग के संपर्क में आने पर उसकी तीव्रता को और बढ़ा देता है। इसी कारण आग फ्लैट के बाद अपार्टमेंट के अन्य हिस्सों में फैला और 14 लोगों की जान चली गई। बुधवार को भी फॉरेंसिक टीम ने जांच की थी। जांच के बाद टीम वापस लौट गई।अगलगी की घटना को लेकर अभी तक बैंक मोड़ थाने में किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। अग्निकांड की अग्निशमन विभाग और रांची की फॉरेंसिक टीम अलग-अलग जांच कर रही है। जांच कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस से शिकायत की जाने कीसंभावना जताई जा रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.