सदर अस्पताल में डाॅक्टराें के बाद अब कर्मचारी भी 12 घंटाें के ड्यूटी राेस्टर के विराेध पर उतर आए हैं। उन्हाेंने मंगलवार की सुबह अस्पताल में जमकर हाे-हल्ला किया। राेस्टर में सुधार नहीं हाेने तक काम से अलग रहने की चेतावनी भी दी। वे अस्पताल के नाेडल पदाधिकारी डाॅ राजकुमार सिंह काे घंटाें घेरे रहे।
काफी देर तक समझाने-बुझाने पर भी वे नहीं माने, ताे सिविल सर्जन डाॅ आलाेक विश्वकर्मा काे खबर दी गई। तब सीएस ने आक्राेशित कर्मियाें के साथ बैठक कर उनकी बातें सुनीं। फिर आश्वासन दिया कि नए ड्यूटी राेस्टर काे रद्द कर दिया जाएगा और डाॅक्टर व कर्मी पहले की तरह 8-8 घंटाें की ही ड्यूटी करेंगे।
यह भी आश्वस्त किया कि सदर अस्पताल से संबंधित प्रशासनिक निर्णय वे खुद लेंगे। इसके पहले, डाॅक्टराें ने भी 12 घंटे की ड्यूटी और महिला डाॅक्टराें काे नाइट शिफ्ट में ड्यूटी देने का विराेध किया था। सीएस के समझाने पर कर्मी काम पर लाैट गए।
प्रभारी उपाधीक्षक डॉ संजीव ने नाेडल पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आराेप
कर्मियाें के विराेध के बाद डाॅ संजीव कुमार प्रसाद ने सिविल सर्जन काे पत्र लिखकर प्रभारी उप अधीक्षक के प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया। गाैरतलब है कि डाॅ संजीव ने ही कर्मियाें का ड्यूटी राेस्टर तैयार किया है, जिसके तहत उनकी 12 घंटे की ड्यूटी तय की गई है।
कर्मियाें काे यह मंजूर नहीं है। डॉ संजीव ने पत्र में बताया है कि 17 अक्टूबर 2022 को प्रभार संभालने के बाद व्यवस्था में आंशिक बदलाव कर संचालन सुधारने की काेशिश की, पर उनके निर्देशाें का अस्पताल के नोडल पदाधिकारी प्रत्यक्ष-पराेक्ष रूप से विरोध करते रहे। साथ ही, कर्मियाें काे बहिष्कार के लिए उकसाते भी रहे। इस मुद्दे पर नाेडल पदाधिकारी से बातचीत करने की काेशिश की गई, पर संपर्क नहीं हाे सका।
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