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झारखंड अभिभावक महासंघ की नई कमेटी का गठन किया गया है। इसमें मनाेज कुमार मिश्रा फिर महासचिव बने हैं, परंतु अध्यक्ष रणविजय सिंह को कमेटी से बाहर कर दिया। रणविजय की जगह पप्पू सिंह को नया अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पूर्व अध्यक्ष और महासचिव के बीच विवाद सामने आया। दरअसल महासचिव ने कमेटी के पुनर्गठन के लिए बैठक बुलाई थी, इस पर अध्यक्ष रणविजय ने बगैर अनुमति बैठक बुलाने पर कड़ा एतराज जताया। महासचिव ने बताया कि 5 नवंबर काे अध्यक्ष काे पत्र लिख कर 8 नवंबर काे बैठक बुलाने का आग्रह किया था, लेकिन वे तैयार नहीं थे। फिर 2 दिसंबर काे 8 दिसंबर काे बैठक का दिन तय किया गया था। अध्यक्ष इस पर भी सहमत नहीं थे। फिर 2 दिसंबर काे ही पत्र जारी कर 6 दिसंबर की बैठक का दिन तय कर दिया। इस पर रणविजय ने बैठक को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए मिश्रा से स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों नहीं उन्हें महासचिव पद से हटा दिया जाए।
रणविजय सिंह के सांसद के शिक्षा प्रतिनिधि बनने पर उठने लगे सवाल
मनाेज कुमार मिश्रा ने बताया कि 5 नवंबर काे ही रणविजय सिंह सांसद के शिक्षा प्रतिनिधि बन गए थे। तभी से उनके पद पर सवाल खड़े हाे गए थे। इसलिए सभी बाकी पदाधिकारी व सदस्य बैठक बुलाना चाहते थे। आज भी कई बार कॉल किया गया, पर वे बैठक में वे नहीं अाए। अध्यक्ष की सहमति के बिना बैठक के लिए दाे-तिहाई सदस्याें की सहमति जरूरी हाेती है। बैठक में इस नियम का पालन किया गया।
अब सरकारी स्कूलाें की भी उठेगी आवाज : पप्पू सिंह
अध्यक्ष पप्पू सिंह ने कहा कि केवल निजी विद्यालय ही नहीं, बल्कि सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में होने वाली समस्याओं के लिए भी संघर्ष किया जाएगा। अन्य मुद्दों पर भी आंदोलन होगा।
पद की लालसा नहीं :रणविजय
रणविजय ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं, क्याेंकि उनके बच्चे बड़े हाे चुके हैं। उन्हें भी पद छोड़ने चाहिए, जिनके बच्चे बड़े हाे चुके हैं। महासंघ का गठन का उद्देश्य अभिभावकाें की आवाज बनना था। इसे आर्थिक लाभ का जरिया नहीं समझना चाहिए। वैसे बिना अनुमति बैठक नहीं होनी चाहिए।
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