झारखंड व बिहार के आपसी संपर्क के बीच स्थायी बाधा सोन नदी के ऊपर पुल निर्माण के इकलौते तथा प्रथम स्वप्न द्रष्टा कांडी के गांधी का सपना साकार होने की घड़ी आ गई। अभी से करीब सौ घंटे के बाद भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 14 नवंबर को सोन पुल निर्माण योजना का शिलान्यास करेंगे। मालूम हो कि झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत कांडी प्रखंड क्षेत्र के श्रीनगर व बिहार के रोहतास जिला अंतर्गत नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के पंडुका के बीच सोन नदी पर उच्चस्तरीय सड़क पुल निर्माण योजना पर काम शुरू होनेवाला है।
इसके लिए टेंडर स्वीकृति के बाद स्वायल टेस्टिंग आदि का काम भी पूरा हो चुका है। अब केंद्रीय मंत्री के द्वारा शिलान्यास के बाद अतिशीघ्र निर्माण कार्य शुरू होगा। इसी के साथ कांडी के गांधी के नाम से प्रसिद्ध स्व बचरू साव का सपना साकार हो जाएगा। बिहार पुल निर्माण निगम के अधीन ब्रजेश अग्रवाल कंपनी के द्वारा 144 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण कराया जाएगा।
जान जोखिम में डालकर सफर करते थे लोग
यूपी में रिहंद डैम के अस्तित्व में आने के बाद से सोन नदी में ज्यादा पानी रहने लगा। जिससे सालों भर नाव चलती है। नदी भरी रहने की हालत में कई बार गंभीर हादसे भी होते रहते हैं। इससे बचने के लिए पड़वा मोड़, हरिहरगंज, औरंगाबाद, डेहरी, तिलौथू, अकबरपुर होकर आने में 150 किमी घूमना पड़ता है। जबकि सोन पुल निर्माण के बाद मात्र दो किमी चलने के बाद रोहतास जिला व बिहार राज्य में पहुंचा जा सकता है। इस बदली परिस्थिति में आपस में आर्थिक व व्यावसायिक संबंध भी मजबूत होगा।
झारखंड और बिहार दोनों राज्यों को जोड़ने का सपना अब होगा पूरा
कांडी निवासी स्व बचरू साव ने करीब 50 साल पहले अविभाजित बिहार में आपसी सरोकार में बहुत बड़ी बाधा सोन नदी पर पुल निर्माण का सपना देखा था। जिसे बिल्कुल असंभव मानते हुए नदी की दोनों तरफ के लोगों ने पागलपन करार दिया था। लेकिन बचरू साव ने अकेले सोन पुल निर्माण के लिए दीवाना वार मुहिम चालू कर दिया था। वे पर्चा छपवाकर बांटते हुए कंधे में छोटा साउंड सिस्टम लटकाए साइकिल पर सोन नदी के दोनों तरफ पचासों गावों में घुमा करते थे। हर गांव में रुककर लोगों को बुला बुलाकर सोन पुल निर्माण के लिए जनमत जुटाने का अनथक प्रयास किया करते थे।
इस दौरान मेला, बाजार व विभिन्न बैठकों व सभाओं में जुटे लोगों के बीच सबसे ज्यादा मेहनत किया करते थे। राजनीतिक सभाएं चाहे जिस दल की हों उसके मंच पर चढ़कर नेता व जनता दोनों के बीच सोन पुल का अलख जगाया करते थे। उस दौर में लोग बचरू साव को पागल कहने लगे थे जो एक नामुमकिन काम का सपना देख रहे थे। हालांकि अपनी निरंतर जारी मुहिम की बदौलत उन्होंने सोन पुल निर्माण की मांग को लोगों की जुबान पर चढ़ा दिया था। चुनावों में नेता सोन पुल का आश्वासन देने लगे थे। और लोग बचरू साव को कांडी का गांधी कहने लगे थे। जिसकी दीवानगी का सपरिणाम सामने है।
पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा भी लोगों ने किया था बुलंद
सोन पुल के प्रथम स्वप्न द्रष्टा बचरू साव की सोन पुल निर्माण की आवाज को हाल तक बुलंद किया जाता रहा है। सोन के दोनों तरफ पुल निर्माण की मांग उठती रही है। सोन पुल निर्माण संघर्ष समिति की दर्जनों बैठकों के आयोजन के बाद 29 जनवरी 2019 को कांडी के श्रीनगर सोन तट पर इसी मांग को लेकर बड़े धरना का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड व बिहार के पांच हजार लोगों ने पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया था। इसके बाद 2019 के आम चुनाव से पहले पलामू सांसद वीडी राम व सासाराम के सांसद छेदी पासवान ने अतिशीघ्र सोन पुल निर्माण का भरोसा दिलाया था।
सोमवार को होगा शिलान्यास : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 14 नवंबर 2022 सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 12.55 के बीच सोन पुल निर्माण योजना का शिलान्यास करेंगे। वे बक्सर में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय संत समागम कार्यक्रम से चलकर सीधे पुल निर्माण स्थल पंडुका आएंगे। इस मौके पर सासाराम संसदीय क्षेत्र से सांसद छेदी पासवान भी उपस्थित रहेंगे।
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