झारखंड सरकार:60 करोड़ रु. से लगमा से हासनदाग तक बनेगी सड़क, 21 महीने में 16 किमी निर्माण होगा पूरा

गढ़वा /मेराल2 महीने पहले
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मैं मंत्री नहीं जनता का सेवक हूं, सेवा में दिन-रात लगा रहता हूं : मिथिलेश - Dainik Bhaskar
मैं मंत्री नहीं जनता का सेवक हूं, सेवा में दिन-रात लगा रहता हूं : मिथिलेश

गढ़वा विधायक झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मेराल प्रखंड के हासनदाग में रविवार को 60 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। हासनदाग के मौरिया बाबा स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने पूजा अर्चना कर और नारियल फोड़कर शिलापट्ट का अनावरण किया।

एनएच-75 लगमा से हासनदाग वाया करकोमा होते हुए तसरार तक करीब 16 किलोमीटर इस सड़क का निर्माण पथ निर्माण विभाग से लगभग 60 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। इस पथ निर्माण में पड़ने वाले रैयती भूमि का अधिग्रहण कर उसका मुआवजा भी दिया जाएगा। इस दौरान मंत्री मौरिया बाबा स्थान से महर्षि वेदव्यास की प्रतिमा स्थल तक पीसीसी निर्माण व प्रतिमा निर्माण का भी शिलान्यास भी किया।

कार्यक्रम में मंत्री ने स्थानीय समाजसेवियों और प्रबुद्ध लोगों को शॉल ओढ़ाकर व माला पहना कर सम्मानित किया। साथ ही काफी संख्या में लोगों ने दूसरे दलों को छोड़कर झामुमो की सदस्यता ग्रहण की। मंत्री ने सभी को पार्टी का पट्टा पहनाकर स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कराया। मौके पर मंत्री ने कहा कि वे मंत्री नहीं जनता के सेवक हैं। जनता ने उन्हें अपनी सेवा के लिए चुन कर भेजा है।

जनता के कार्यों में ही वे लगातार लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वा में हर क्षेत्र में काफी तेजी से विकास कार्य हो रहा है। इन विकास कार्यों को देखकर विपक्षियों के पेट में दर्द हो रहा है। विरोधी लोग जितना विरोध करेंगे उतनी ही तेज गति से विकास कार्य आगे बढ़ता रहेगा। मंत्री ने कहा कि गढ़वा को झारखंड का सबसे विकसित विधानसभा क्षेत्र बनाना है।

जनता ने उन्हें पांच वर्षों के लिए जिम्मेवारी दी है। इस दौरान वे क्षेत्र में विकास कार्य करके जनता को जागरूक करना चाहते हैं। कि काम कैसे किया जाता है और आने वाले समय में जो काम नहीं करेगा जनता उसे हमेशा बाहर का रास्ता दिखाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक को जनता ने दस वर्षों तक मौका दिया। परंतु जनता का कोई काम नहीं हुआ। अब उनके पास सिर्फ एक ही काम बच गया है, लोगों का मनोरंजन करना। गढ़वा में मनोरंजन का कोई साधन उपलब्ध नहीं है।