जिले के लोगों को आरटी पीसीआर लैब की सुविधा लेने के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। क्योंकि सदर अस्पताल में स्थापित आरटीपीसीआर लैब शुरू होने में अभी भी कुछ दिन और लगेंगे।
सदर अस्पताल परिसर में आरटीपीसीआर लैब का आनन-फानन में उद्घाटन तो किया गया, लेकिन उद्घाटन के 3 महीने बीत जाने के बाद भी अबतक आरटीपीसीआर की जांच शुरू नहीं हुई है। लोगों की मानें तो आधी अधूरी तैयारी में ही आरटीपीसीआर लैब का उद्घाटन किया जाना कहीं से भी उचित नहीं है, लेकिन लैब में जांच प्रक्रिया शुरू होने के लिए आवश्यक स्वीकृति मिल जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है।
तीन महीने पहले ही विभाग के पदाधिकारियों ने आनन-फानन में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर से आरटी पीसीआर लैब का उद्घाटन करा दिया। उसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है। लैब का उद्घाटन तीन महीने पहले ही किया गया था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना से निपटने की तैयारी आधी अधूरी है।
ऐसे में किसी तरह की इमरजेंसी के लिए विभाग के पास कोई भी तैयारी नहीं है। मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच सरकार ने जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। उसके बाद भी विभाग जांच में उदासीनता बरत रह है। लाखों रुपए खर्च कर स्थापित किया गया।
पीएसए प्लांट काफी दिनों से बंद पड़ा है, लेकिन उसे देखने वाला कोई नहीं है। इस संबंध सिविल सर्जन अनिल कुमार ने बताया कि इंडियन कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के द्वारा स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है स्वीकृति प्राप्त होते ही लैब का संचालन शुरू कर दिया जाएगा बाकी की तैयारी पूर्ण हो चुकी है।
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