कार्रवाई का खौफ:जमा बालू को फिर नदी में गिराने लगे कारोबारी

गढ़वा2 महीने पहले
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थाना में जब्त अवैध ढुलाई करने वाले वाहन  । - Dainik Bhaskar
थाना में जब्त अवैध ढुलाई करने वाले वाहन ।

जिले में अवैध उत्खनन के विरुद्ध डीसी रमेश घोलप की कार्रवाई से अवैध बालू कारोबारियों में हड़कंप है। जिला मुख्यालय महज 10 किलोमीटर दुर कोयल नदी के किनारे अवस्थित मेढ़ना, लापो, बेलचंपा, नावाडीह के बालू कारोबारी नदी की बीच धारा से कुरूर लगे ट्रैक्टर से खींचकर जो बालू नदी किनारे इकट्ठा किए थे उसे प्रशासन की कार्रवाई की डर से आनन-फानन में फिर से जेसीबी मशीन लगाकर कोयल नदी में डाल रहे हैं।

वहीं कुछ कारोबारियों द्वारा अपने खेतों में स्टोर बालू को फैलाकर ट्रैक्टर से जोत दिया गया। कारोबारी कुरूर लगे दर्जनों ट्रैक्टर के से नदी की बीच धारा से खींच कर नदी के किनारों पर इकट्ठा किए इन्ही बालू को रात में हाईवा में लोड कर शहर में सप्लाई करते थे।

मेढ़ना कला में कोयल नदी की दो घाटो हाई टेंशन विद्युत टावर के पास और बगीचा के पास, लापो में एक शिवाल्या कंस्ट्रक्शन के पास कोयल नदी से और दो कर्बला के पास कोयल नदी से कुरूर लगे दर्जनों ट्रैक्टर के माध्यम से कारोबारी नदी की बीच धारा से बालू को खींचकर नदी के किनारे इकट्ठा करते हैं। जबकि बेलचंपा और नवाडीह कोयल नदी से कारोबारी ट्रैक्टर से बालू इकट्ठा करते हैं। इस प्रकार उक्त 7 जगहों से बालू इकट्ठा कर कारोबारी रात में हाईवा में लोड कर महंगे दामों पर सप्लाई करते हैं।

जिले के कोयल नदी से लगे गांव मेढ़ना, लापो, बेलचंपा, नावाडीह नदी घाटों से होती है बालू की अवैध निकासी और सप्लाई

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए कारोबारियों की तगड़ी सेटिंग है। सेटिंग के एवज में कारोबारी मोटी और फिक्स रकम खर्च करते हैं। महीने का फिक्स रकम पेड कर कारोबारी निष्कंटक होकर अवैध बालू का सप्लाई/कारोबार करते हैं। लेकिन डीसी साहब की कार्रवाई ने कारोबारियों की सारी सेटिंग ध्वस्त कर दिया है।

डीसी साहब की इस कार्रवाई से आम जनमानस में एक उम्मीद जगी है कि जिले में डीसी साहब जैसे कर्मठ एवं इमानदार ऑफिसर हैं जो अवैध उत्खनन के इस कारोबार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। कारोबारी रात भर मोबाइल फोन के साथ जगह-जगह पर तैनात होकर लोकेशन क्लियर होने की निगरानी करते हैं। इस दौरान रंका मोड़, मझिआंव मोड़, बीएनटी मोड़, तिलदाग मोड़ कल्याणपुर बाईपास, टंडवा, आदि सहित कई अन्य जगहों पर रात भर मोबाइल फोन के जरिए लोकेशन में रहते हैं। जैसे ही प्रशासन की गाड़ी देखते हैं, इमीडिएट नदी में अवैध बालू लोड करने में लगे वाहनों को सूचित कर सतर्क कर देते हैं। अवैध कारोबारियों ने बालू के इस अवैध कारोबार को लेकर सिंडिकेट बना ली है। यह सिंडिकेट तीन स्तर पर काम करता है।

सिंडिकेट में शामिल पहले स्तर के लोग घाट से हाईवा पर ₹10000 में बालू सप्लाई देते हैं। सिंडिकेट का दूसरे स्तर का कारोबारी हाईवा में लोड कर ऑर्डर वाले जगह पर बालू आपूर्ति करता है, भुगतान लेता है और लाइजनिंग का भी काम करता है। सिंडिकेट का तीसरे स्तर का कारोबारी बालू सप्लाई का ऑर्डर पार्टी से लेता है।

सेटिंग- गेटिंग और मैनेजमेंट का काम समग्र सिंडिकेट करता है। प्रतिदिन एक हाईवा से 5 से 6 चक्कर बालू सप्लाई किया जाता है। इस प्रकार सात हाईवा रात भर में कोयल नदी से 42 ट्रिप बालू सप्लाई कर मोटी कमाई किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बालू सरकारी ठेके के निर्माण वर्क में भी सप्लाई होता है। सरकारी वर्क में ₹18000 प्रति हाईवा सप्लाई होता है।

सिंडिकेट में तीसरे स्तर पर शामिल कारोबारी जो आर्डर लेता है वह ₹15000 तुरंत सप्लाई कर्ता को भुगतान कर देता है। लेकिन बिल मिलने पर एक-दो माह बाद वह ठेकेदार से ₹18000 प्रति हाईवा प्राप्त करता है। इस प्रकार तीसरे स्तर के कारोबारी को ₹3000 प्रति हाईवा का फायदा मिलता है। वहीं निजी निर्माण के लिए लोगों को ₹22000 प्रति हाईवा सप्लाई होती है। इस प्रकार रात भर में कारोबारी 6 से 9 लाख रुपए तक का एक दिन में अवैध कमाई करते हैं। इस हिसाब से पूरे महीने में 2 करोड़ 7000000 रुपए का बालू का नुकसान सरकार को हो रहा है।

इधर पकड़े गए वाहनों के अलावे बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर एसडीओ राज महेश्वरम ने कहा कि अवैध खनिज परिवहन के आरोप में न केवल पकड़े गए वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। बल्कि अवैध उत्खनन के कारोबार में संलिप्त कारोबारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। सिंडिकेट बनाकर अवैध कारोबार करने वाले इन सभी कारोबारियों के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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