सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से सदर प्रखंड के उड़सुगी गांव में चल रहे सात दिवसीय विशेष शिविर के छठे दिन रविवार को नारी शिक्षा विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डीआरडीए के सहायक परियोजना पदाधिकारी सिया जानकी सिंह ने कहा कि नारी शिक्षा को अनदेखी कर हम विकास की परिकल्पना नहीं कर सकते।
हमें महिलाओं की साक्षरता की नहीं बल्कि अब नारियों को शिक्षित करने की जिम्मेवारी लेनी होगी। तब जाकर विकसित देश का हमारा परिकल्पना पूरा होगा। अन्य विकसित देशों की बात करें तो महिलाओं की भागीदारी अधिक है। यहां भी महिलाओं को हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि हमारे जिले की परिपाटी है कि बेटियां दायित्व के रुप में ली जाती हैं। अभिभावकों को उनकी शादी की जल्दबाजी होती है।
समाज में नारी शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने समय-समय पर नीतियां और योजनाएं लाई जा रही हैं। लेकिन नारी शिक्षा तब ही सुनिश्चित होगा जब परिवार के द्वारा बच्चियां को बोझ न समझते हुए उन्हें शिक्षा में आगे लाया जाए। एक पुरुष पढ़ता है तो सिर्फ एक पुरुष शिक्षित होता है। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो कमलेश सिन्हा ने किया व धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस की छात्रा मुस्कान कुमारी ने किया। मौके पर प्रो राजीव रंजन मिश्रा, अखिलेश कुमार तिवारी, रत्नेश धर दुबे आदि उपस्थित थे।
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