अखिल विश्व गायत्री परिवार गिरिडीह की ओर से गुरुवार की देर शाम काे गिरिडीह सदर प्रखंड के लेदा गांव में मां मथुरासिनी के पूजनोत्सव पर गायत्री दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। अखिल विश्व गायत्री परिवार के जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि मां मथुरासिनी मां दुर्गा का ही एक रूप है।
प्रत्येक वर्ष शीतलाष्टमी के दिन पूरे भारतवर्ष में मां मथुरासिनी की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर अपने भीतरी दृष्टिकोण को बदलें तो बाहर जो कुछ भी दिखाई पड़ता है, वह सब कुछ बदला-बदला दिखाई देगा। अनेक लोगों को इस संसार में केवल पाप और दुर्भाव ही दिखाई पड़ता है। इसका प्रधान कारण अपनी आंतरिक मलीनता ही है।
हमारे अंदर जो आंतरिक मलीनता है उसे समाप्त करने का एकमात्र माध्यम सूर्यमंत्र, वेदमंत्र और गायत्री महामंत्र ही है। अतः सभी को मां मथुरासिनी के सन्मुख बैठकर प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट गायत्री महामंत्र का जप अवश्य करनी चाहिए। दीप महायज्ञ का संचालन अखिल विश्व गायत्री परिवार के नरेश प्रसाद यादव ने किया।
इस दाैरान सैकड़ों दीपकों को प्रज्ज्वलित कर गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय एवं वैदिक मंत्रों से आहूतियां प्रदान कर मां मथुरासिनी से उज्जवल भविष्य की कामना की गई। अंत में लोगों ने देव दक्षिणा के रूप में अपने जीवन की एक-एक बुराइयों का परित्याग करने, कटु वचन नहीं बोलने और प्रत्येक वर्ष 5-5 पौधे लगाने का संकल्प लिया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश कुमार राम, संजय कुमार, राजेंद्र कुमार, सुरेश कुमार, निरंजन कुमार राम, पंकज कुमार, दीपक कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार, रजत कुमार, विजय कुमार, ध्रुव कुमार, विक्की कुमार, अजीत कुमार, गोपाल राम, प्रदीप कुमार गुप्ता, सौरभ कुमार, सावित्री देवी, मीना देवी, राखी देवी, आरती देवी माहुरी वैश्य महामंडल लेदा के सभी सदस्यों का सहयोग रहा।
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