एक और जहां सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से बेशुमार खर्च किए जा रहे हैं, ताकि बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपने देश का बेहतरीन भविष्य गढ़ सके। वहीं कुछ सरकारी नुमाइंदों की लापरवाही की वजह से सरकार की सारी कोशिशों पर पानी फिर रहा है।
जिसकी एक झलक सोमवार को सरकारी स्कूलों में पहली से सातवीं कक्षा के लिए चल रहे परीक्षा में देखने को मिली। जिसमें हद ताे तब हाे गयी जब बच्चे परीक्षा देने के निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच गए, लेकिन प्रश्नपत्र स्कूल में नहीं पहुंचा था। शिक्षा विभाग की ओर संबंधित बीआरसी काे स्कूलों में प्रश्नपत्र पहुंचाने की जिम्मेवारी दी गयी थी। लेकिन शिक्षकाें ने बीआरसी काे प्रश्नपत्र पहुंचाने के लिए फाेन किया ताे उसने शिक्षक काे व्हाट्सअप पर प्रश्नपत्र का फाेटाे भेज दिया।
इस दाैरान मामला धीरे-धीरे जब गरमाने लगा ताे ग्रामीणों का काेपभाजन बनने से बचने के लिए शिक्षक ने व्हाट्सअप पर भेजे गए प्रश्नपत्र का प्रिंट निकाला और उसकी फाेटाे काॅपी कराकर बच्चाें काे दिया। जिसके आधार पर बच्चाें ने परीक्षा दी। यह हाल सीसीएल क्षेत्र के महेशलुण्डी उत्क्रमित उच्च विद्यालय, कोर्णाटांड़ स्थित स्कूल, मध्य विद्यालय बदगुंदा खुर्द आदि स्कूलों की है। जहां प्रश्नपत्र के अभाव में इन स्कूलों में परीक्षा एक से दो घंटे बाद शुरू हुई। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के इस लापरवाही पर विरोध जताया।
एचएम ने व्हाट्सअप से प्रिंट निकलवाया
इस बाबत उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुण्डी के प्रधानाध्यापक हेमंत कुमार ने कहा कि प्रश्न पत्र की कमी होने के कारण पहले उसकी छायाप्रति करवाया गया। तब जाकर परीक्षा शुरू हाे पाई, वहीं कोर्णाटांड़ के शिक्षक प्रश्न पत्र का इंतजार करते रहे। यहां प्रश्न पत्र 12 किलोमीटर दूर महेशलुण्डी उत्क्रमित उच्च विद्यालय से सामाजिक विज्ञान व हिंदी का प्रश्न पत्र लेकर फाेटाे काॅपी कराया गया, तब जाकर परीक्षा शुरू हुइ। सबसे चौंकाने वाली स्थिति बदगुंदा खुर्द स्कूल की रही जहां प्रश्न पत्र पहुंचा ही नहीं। प्रधानाध्यापक जयदेव प्रसाद राय ने व्हाट्सएप पर प्रश्न पत्र को मंगवाया व छायाप्रति कराया, फिर स्कूल में परीक्षाएं ली गई।
दोषी पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो
इधर सूचना मिलते ही नवनिर्वाचित मुखिया शिवनाथ साव महेशलुण्डी स्थित स्कूल पहुंचे, मामले का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की यही विडंबना है। जब विभाग बच्चों को प्रश्नपत्र नहीं दे पाती है तो फिर परीक्षा क्या लेगी और बच्चे क्या पढ़ेंगे। कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के प्रति विभाग व अधीनस्थ अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं, जिसे सुधारना बड़ी चुनौती है।
कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का प्रयास किया जा रहा है जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस मामले को लेकर वे उपायुक्त से मिलेंगे और संलिप्त पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
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