गुमला पॉलिटेक्निक कैंपस में शुक्रवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों ने कहा कि वे लोग सिविल के स्टूडेंट हैं। अप्रैल में कैंपस में दो कंपनियां प्लेसमेंट के लिए पहुंचीं। इनमें गुजरात की ऋषभ इंटरप्राइजेज और दिल्ली की सुभ्रोस थीं।
सुभ्रोस इलेक्ट्रिकल में 18 हजार तक मासिक वेतन पर उनकी नियुक्ति की गई। बाद में गुजरात जाने पर पता चला कि कंपनी वजूद में नहीं है। छात्रों का आरोप कि संस्थान में 1.5 से 3 लाख रुपए फीस लेने के बाद प्लेसमेंट के नाम पर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया गया है।
पूरी घटना प्रिंसिपल शिवा साहू को बताने पर उन्होंने दूसरी कंपनी एसकेएचवाई टेक से संपर्क करा दिया। उस कंपनी के लोग उन्हें एक स्थान पर ले गए। कंपनी ने अपने यहां काम में रखने की बात कही और ज्वाइनिंग करा लिया। 13000 मासिक में पांच हजार रहने व खाने का चार्ज कटकर आठ हजार मिलेगा। छात्रों का हंगामा बढ़ा तो कैंपस में पुलिस तैनात कर दी गई।
छात्रों का आरोप- संस्थान ने 1.5 से 3 लाख फीस लेने के बाद प्लेसमेंट के नाम पर
दूसरे जगह पर हो, वापस नहीं लौटोगे
छात्रों ने बताया कि गुजरात पहुंचने और कंपनी से संपर्क किया, तो उन्हें रिसीव करने के लिए पिकअप वाहन भेजा गया। उन्हें होटल पहुंचाया दिया गया। वहां प्रति छात्र एक हजार रुपए मांगे गए। कंपनी के एचआर से बात कराने पर कहा गया तो जवाब मिला कि एचआर दूसरे दिन 10 बजे आएंगे। दूसरे दिन फोन करने पर धमकी दी गई कि दूसरी जगह पर हो। वापस नहीं लौटोगे।
दूसरी कंपनी में दिलाएंगे नौकरी: प्रशासक
पॉलिटेक्निक के एचएम शिवा साहू व प्रशासक अजित शुक्ला छात्रों को समझाते रहे। पर, उनकी नाराजगी कम नहीं हुई। प्रशासक ने कहा कि कंपनी फर्जी नहीं है। एसकेवाई ने भी कंफर्म किया है कि ऋषभ इंटरप्राइजेज उन्हें मैनपावर मुहैया कराती है। मुख्य इश्यू छात्रों के वहां रहने की थी। यदि वे वहां काम नहीं करना चाहते है, तो उन्हें दूसरी कंपनी में नौकरी दिलाई जाएगी।
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