बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के पूर्व कुलपति डॉ. जॉर्ज जॉन ने मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय, गुमला का भ्रमण किया। डॉ. जॉर्ज जॉन, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बहुत ही जाने-माने वैज्ञानिक हैं। श्री जॉन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार एवं वर्ल्डफिश, सीजीआईएआर के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक रह चुके हैं। साथ ही साथ पूर्व में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति भी रह चुके हैं।
वर्तमान में ये पेशेवर अनुभव से संबंधित विशेषज्ञ या वैज्ञानिक समूहों के अध्यक्ष अथवा सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। वे आज विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में रांची आये हुए थे। उन्होंने समय निकालकर मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय, गुमला का भ्रमण किया। वे स्वयं भी मत्स्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े हैं। उन्होंने महाविद्यालय के विभिन्न प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया एवं सभी सह-प्राध्यापक और प्राध्यापिकाएं एवं छात्र-छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने सभी को प्रोत्साहित किया एवं अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया।
उन्होंने कहा कि सभी को हमेशा साथ में मिलकर काम करना चाहिए चाहे वो कार्य अनुसंधान के क्षेत्र में हो या कोई दूसरा, इससे दोनों पक्षों को लाभ होता है। साथ ही साथ महाविद्यालय का भी नाम ऊँचा होगा। छात्र-छात्राओं से बातचीत के क्रम में उन्होंने ये भी कहा कि आपलोग ये मत सोचिए कि आपके पास पठन-पाठन की संसाधनों और सुविधाओं की कमी है क्योंकि आपने देखा होगा कि औषधीय पौधे बहुत ही संसाधन-सिमित वातावरण में उगते हैं जिससे उनमें जैव सक्रिय यौगिक बन पाता है।
जिसका उपयोग बहुत सारे दवाओं को बनाने और रोगों के उपचार में किया जाता है। अतः आपके पास भी जितने संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं उसी में तन एवं मन से काम करें, एक दिन आप जरूर सफल होंगे।
यह सर्वविदित है कि अच्छे-अच्छे अनुसंधान और खोज बहुत ही संसाधन-सिमित वातावरण में ही हुए हैं। आपकी सफलता से ही झारखंड राज्य और देश का कल्याण होगा। मौके पर महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ एके सिंह एवं सह-प्राध्यापक डॉ. ओम प्रवेश कुमार रवि, डॉ. श्वेता कुमारी, डॉ. तसोक लेया, डॉ. गुलशन कुमार मौजूद थे ।
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