बैंक इंप्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया, झारखंड का छठा राज्य सम्मेलन नगर भवन हजारीबाग में किया गया। सम्मेलन की शुरुआत झंडोत्तोलन से हुआ। आर. के सिंह एवं जे गुड़िया ने संयुक्त रूप से सम्मेलन की अध्यक्षता की। सबसे पहले स्वागताध्यक्ष जे सी मित्तल महासचिव बीमा कर्मचारी संघ ने उपस्थित सभी प्रतिनिधि को संबोधित करते हुए स्वागत किया।
राज्य सचिव एम एल सिंह ने शोक प्रस्ताव रखा जिस पर एक मिनट का मौन रखकर शोक प्रकट करते हुए दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी गई। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का उद्घाटन करते हुए बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव देवाशीष वासु चौधरी ने कहा कि ना सिर्फ बैंक कर्मियों के लिए बल्कि देश में नौकरी करने वाले तमाम मजदूर कर्मचारियों के लिए यह समय बहुत ही खतरनाक है।
नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है कोरोना काल में 1500 बैंक कर्मी कार्य करते हुए शहीद हुए। बैंकों का विलय देशहित में नहीं है। बैंक में नई भर्ती पर लगभग रोक लगा दी गई है। अब बैंक में जो भी भर्ती होगी वह कांटेक्ट पर होगा।
झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे ने कहा कि भूमंडलीकरण, उदारीकरण, निजीकरण के बाद अब बाजारीकरण का दौर शुरू हो गया है और केंद्र सरकार सरकारी उद्योगों की संपत्ति ओने पौने दाम में बेच रही है, हजारीबाग सी आई टी यू के उपाध्यक्ष गणेश कुमार सीटू ने कहा कि आजादी के बाद देश के कर्मचारियों और मजदूरों को छह संवैधानिक अधिकार मिले थे नौकरी का अधिकार, वेतन पाने का अधिकार, ट्रेड यूनियन करने का अधिकार, ग्रेच्युटी का अधिकार, पीएफ का अधिकार इन तमाम अधिकारों पर सरकार 44 श्रम कानून को बदलकर 4 श्रम संहिता के माध्यम से हमला कर रही है।
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन के जिला सचिव सुदीप चटर्जी ने कहा कि इस समय देश के अंदर तमाम मजदूर और कर्मचारियों को मिलकर के एक साथ संघर्ष करना होगा तभी सफलता मिलेगी। इस सम्मेलन में राज्य भर के विभिन्न बैंकों के चुने हुए 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राज्य सचिव एम एल सिंह ने अपना प्रतिवेदन पेश किया जिसे उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस सम्मेलन में बैंकों का निजीकरण करने का विरोध, श्रम कानून में तथाकथित सुधारों का विरोध, नई पेंशन स्कीम को रद्द कर सभी के लिए पुरानी पेंशन स्कीम चालू करने, अस्थाई और दैनिक मजदूरों को अस्थाई करने और बैंकों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के बेहतरी के लिए 4 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए। सम्मेलन के आयोजन में में चंद्रशेखर, टी पी पोद्दार, सुमित कुमार, सुनील कुमार, प्रियरंजन कुमार, दुलारी टूडू, दर्शन रविदास, लक्ष्मीकांत गौतम, अशरफ अली, संजय कुमार, मनीष संतोष कुमार, असीम मुखर्जी, रतन कुमार, मुकेश कुमार सहित अन्य का योगदान रहा।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.