विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में चल रही बीएएलएलबी की परीक्षा में एक नकली परीक्षार्थी पकड़ा गया। यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज सत्र 2019-24 के छठे सेमेस्टर की परीक्षा के लिए एमबीए भवन को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। सेंटर सुपरिटेंडेंट स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के डॉक्टर सादिक रज्जाक थे।
रज्जाक को परीक्षार्थी के चेहरे पर घबराहट देखकर शक हुआ उन्होंने एडमिट कार्ड और परीक्षार्थी का चेहरा मिलान किया, तब उन्हें नकली परीक्षार्थी होने का शक हुआ। पूछताछ में पकड़े गए परीक्षार्थी ने कुबूल कर लिया कि वह किसी और के बदले परीक्षा में बैठा है।
सेंटर सुपरिटेंडेंट ने मूल परीक्षार्थी उज्जवल कुमार को परीक्षा से निष्कासित करने अनुशंसा परीक्षा विभाग को कर दी। पकड़े गए नकली परीक्षार्थी को पीसीआर पुलिस को सौंप दिया। परीक्षा केंद्र पर मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति नहीं थी।
इसको लेकर सुपरिटेंडेंट में पीसीआर वैन को बुलाकर पकड़े गए नकली परीक्षार्थियों को सौंप दिया। प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ आरके द्विवेदी ने बताया कि इस तरह के मामले में यूनिवर्सिटी परीक्षा अधिनियम 1981 के तहत कार्रवाई की जाती है।
पुलिस ने पहले छुपाया, बाद में स्वीकार किया
विश्व विद्यालय परिसर कोर्रा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पीसीआर पुलिस को सौंपे जाने के तीन घंटे बाद भी कोर्रा थाना प्रभारी उत्तम कुमार ने किसी नकली परीक्षार्थी के पकड़े जाने के मामले से इनकार किया। मामला सोशल मीडिया में आने के बाद शाम पांच बजे के बाद थाना प्रभारी ने फोन पर स्वीकार किया कि नकली परीक्षार्थी को थाना लाया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से कोई आवेदन प्राप्त नहीं है। आवेदन मिलने पर कार्रवाई होगी।
केंद्राधीक्षक पुलिस को आवेदन दें : प्रॉक्टर
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में नकली परीक्षार्थी के पकड़े जाने के मामले में प्रॉक्टर डॉ मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा है कि परीक्षा में पकड़े जाने वाले परीक्षार्थी के ऊपर कार्रवाई के लिए आवेदन देना केंद्र अधीक्षक के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने नकली परीक्षार्थी को पकड़ा है तो उन्हें पुलिस को आवेदन भी देना चाहिए।
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