भ्रष्टाचार और कदाचार में संलिप्त जिस जिला समन्वयक को 24 घंटे के अंदर कार्यमुक्त करने का आदेश दिया गया था, उस आदेश के 25 दिन गुजर गए पर आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, चतरा के जिला समन्वयक संजय कुमार मिश्रा से संबंधित है।
जिला समन्वयक को स्वच्छ भारत मिशन योजना में भ्रष्टाचार करने और कदाचार में लिप्त पाए जाने के बाद चतरा के डीसी ने उसे शोकॉज किया था। शोकॉज का संतोषप्रद उत्तर नहीं मिलने पर डीसी ने 22 अप्रैल को उसे कार्यमुक्त करते हुए संविदा रद्द करने का आदेश जारी किया।
डीसी सह जिला दंडाधिकारी के पत्रांक 345 को रेखांकित करते हुए चतरा के डीडीसी उत्कर्ष गुप्ता ने 27 अप्रैल 22 को पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, चतरा के कार्यपालक अभियंता अविक अंबाला को निर्देशित किया कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर जिला समन्वयक संजय कुमार मिश्रा को कार्यमुक्त करते हुए संविदा रद्द कर दें। किंतु कार्यपालक अभियंता ने संजय कुमार मिश्रा के पास कुछ संचिकाओं के पड़े रहने का हवाला देते हुए उसे कार्यमुक्त नहीं किया और त्रुटियों को दूर करने का मौका दे दिया।
जरूरी फाइल निपटाने का हवाला दे राेका गया
कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जिला समन्वयक के पास कुछ जरूरी संचिकाएं हैं, संचिका के मिलते ही उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। किंतु उपायुक्त, चतरा के आदेश के 30 दिन और उप विकास आयुक्त के आदेश के 25 दिन गुजर गए, पर दोषी पाए गए जिला समन्वयक के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाई।
मालूम हो कि पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, चतरा में शौचालय निर्माण में भारी गड़बड़ी हुई है। जिला समन्वयक ने शौचालयों की उपयोगिता प्रमाण पत्र हासिल करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और ना ही निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया। इस संदर्भ में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मुख्य अभियंता संजय कुमार झा ने कहा कि जांच में दोषी पाए गए कर्मी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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