शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हजारीबाग में जब कोई उपकरण व संसाधन नहीं होता है तो प्रबंधन व चिकित्सक अभाव की दुहाई देते हैं और मरीजों को रेफर करते हैं। वहीं जब कोई संसाधन उपलब्ध होता है तो उसका उपयोग नहीं किया जाता है और वह उपकरण रखे-रखे बर्बाद हो जाते हैं। यह परंपरा सदर अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में उत्क्रमित होने के बाद से वर्ष 2018 से निरंतर चली आ रही है।
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोविड-19 में ऑक्सीजन को लेकर मची त्राहिमाम की स्थिति से निपटने के लिए यहां हैवी कैपेसिटी के दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। इसमें एक ऑक्सीजन प्लांट कोविड-19 के समय ही खराब हो गया। कुछ कंपोनेंट के अभाव में वह प्लांट बंद पड़ा हुआ है। स्थापित होने के समय से ही थोड़ी मशीनरी गड़बड़ी के कारण उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। ना ही उसे ठीक करने की जरूरत समझी जा रही है। जबकि दूसरा प्लांट को सिर्फ दिन में ही चलाया जा रहा है।
प्रबंधन ने ऑक्सीजन आपूर्ति को भी दिन और रात में बांट रखा है। मानो मरीज को रात में ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती हो। इस प्लांट को संचालित कर रहे ऑपरेटर नीरज कुमार सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही प्लांट को संचालित करता है। शाम 6:00 बजे प्लांट को बंद कर वह घर चला जाता है।
ऐसी स्थिति में न्यू आईसीयू के ऑक्सीजन पर डिपेंड होने वाले मरीजों को ओल्ड आईसीयू में ट्रांसफर किया जाता है। ओल्ड आईसीयू में सप्लाई की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अगर सिलेंडर उपलब्ध हो गया तो ठीक है नहीं तो मरीजों को ऑक्सीजन के अभाव में तड़प तड़प कर मरना सुनिश्चित है।
12 घंटे की चलाया जाता है प्लांट :
दैनिक भास्कर जब हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की वर्तमान स्थिति की जानकारी लेने पहुंचा तो पाया कि सिर्फ 12 घंटे ही प्लांट को चलाया जाता है। जबकि न्यू आईसीयू में अभी वर्तमान में 11 गंभीर मरीज भर्ती हैं। जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है। इन मरीजों को तब तक पाइप लाइन से ऑक्सीजन मिल पाता है जब तक प्लांट चालू रहता है।
हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की माकूल व्यवस्था होने के बावजूद भी मरीजों को पर्याप्त सांस उपलब्ध कराने में भी कंजूसी और कोताही बरती जाती है। ऑक्सीजन के अभाव में तबीयत गंभीर हुई तो रेफर कर दिया जाता है लेकिन प्लांट चालू करने की जरूरत नहीं समझी जाती।
एक प्लांट काेविड काल से ही पड़ा है बंद: सुपरिटेंडेंट
डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ एके सिंह ने कहा कि हॉस्पिटल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। जिसमें हेवी पावर का जो एक प्लांट है वह कोविड-19 से ही बंद है। उसे ठीक करने के लिए कुछ कंपोनेंट की आवश्यकता है। इसके लिए आर्डर किया गया है। रही बात दूसरे प्लांट की तो सिर्फ दिन में ही चलाया जा रहा था।
ऑपरेटर नीरज को हमने निर्देश भी दिया है कि लाइन रहने पर रात में भी प्लांट को चलाओ। उसका कहना था कि बहुत भागदौड़ करना पड़ेगा फिर भी हमने चलाने के लिए उसे कहा है। वैसे अभी मरीजों की संख्या कम हो गई है।
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