आंगो थाना क्षेत्र के बेड़म मध्य विद्यालय के निकट अवैध कोयला लदे ट्रैक्टर के पलटने से चालक और मजदूर की मौत हो गई है। इस घटना ने कोयले के अवैध कारोबार होते रहने की पोल खोल दी है। मृतक का नाम मोहन अगरिया है।
उम्र लगभग 24 वर्ष पिता टुकन अगरिया ग्राम बेड़म थाना आंगो का निवासी था। मोहन अगरिया ट्रैक्टर का चालक था। दूसरा छोटी अगरिया उर्फ सुधीर अगरिया उम्र लगभग 23 वर्ष पिता नागेश्वर अगरिया ग्राम जीहु थाना पदमा का निवासी था। यह ट्रैक्टर में लेबर का काम करता था।
आंगो थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त अवैध कोयला घाटो थाना क्षेत्र के सीसीएल के बसंतपुर कोलियरी से तस्करी कर लाया जा रहा था। जो कि टाटीझरिया के ईंट भट्ठा में सप्लाई देने के लिए जा रहा था। हालांकि यह घटना बीते देर रात गुरुवार की है।
ट्रैक्टर पलटा और आस-पास के गांव वाले जग गए और भीड़ लग गई। अगर ग्रामीणों की भीड़ नहीं लगती, और मरने वालों में एक व्यक्ति उसी गांव का नहीं होता तो शायद यह मामला आम लोगों को पता भी नहीं चलता और पुलिस सभी मामले पर पर्दा डाल देती। यह एक ट्रैक्टर का मामला नहीं है।
टाटीझरिया के ईंट भट्ठों में गिराया जाता है काेयला
जानकार सूत्र बताते है कि इस काम मे लगभग दर्जनों ट्रैक्टर प्रतिदिन बसंतपुर से अवैध कोयला लेकर आंगो और चुरचू थाना होते हुए टाटीझरिया के विभिन्न ईंट भट्ठों में जाते है। इस बात की पूरी जानकारी थाना प्रभारी को होती है। बावजूद अवैध कोयले से लदे ट्रैक्टर पकड़ने के बजाए वे अपना-अपना नजराना लेकर चुपचाप चैन की नींद सो जाते है।
आज से लगभग दो माह पूर्व भास्कर ने 27 मार्च के अंक में आंगो के जंगल में 500 टन अवैध कोयले की खबर प्रमुखता से छापी थी। उक्त कोयला आंगो थाना क्षेत्र के तिलैया और सिसामो जंगल मे बरामद किया गया था। रांची की टीम ने औचक छापामारी कर हजारीबाग पुलिस की पोल खोल दी थी।
लेकिन महज दो माह के बाद ट्रैक्टर पलटने और दो व्यक्ति के मरने की खबर ने आंगो पुलिस और हजारीबाग पुलिस की दुबारा पोल खोल कर रख दी है। उक्त ट्रैक्टर का मालिक सीताराम महतो है। जिसके नाम पर आंगो थाना, टाटीझरिया, गोरहर थाना में मामला दर्ज है। उसके बावजूद यह व्यक्ति बे रोक-टोक कोयले का अवैध कारोबार बदस्तूर करता रहता है।
आंगो थाना के चाैकीदार का बेटा है अवैध काराेबार का मास्टरमाइंड
पुलिस के जानकार सूत्रों की माने तो आंगो थाना के चौकीदार त्रिलोकी तुरी का बेटा छोटी तुरी इस कोयले के अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड है। कोयले की तस्करी का लगातार पोल खुलने के बाद भी आंगो थाना प्रभारी का वहां बने रहना कई सवाल खड़ा करता है।
क्या उसे वहां अवैध कोयले के कारोबार के संचालन के लिए ही पदस्थापित किया गया है या फिर उस थाना प्रभारी पर किसी का वरदहस्त प्राप्त है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इस कोयले के कारोबार में वही लोग सम्मिलित हैं जिनका कोयला 20 दिन पूर्व सिसामो जंगल से बरामद हुआ था। उसके बाद उनके विरुद्ध नामजद एफआईआर हुआ था।
उनकी गिरफ्तारी नहीं होना और कोयले के कारोबार में पुन: उनका संलिप्त होना आंगो थाना की पुलिस को कठघरे में खड़ा कर रहा है। आज अवैध कोयला के कारोबार से पर्दा उठने के बाद यह साबित होता है कि तस्करों के विरुद्ध 20 दिन पूर्व किया गया एफआईआर लोगों के आंखों पर पर्दा डालने के लिए था।
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