एनएच 75 ई चाईबासा से हाटगम्हरिया तक सड़क की दुर्दशा को लेकर झारखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सचिव, पथ निर्माण विभाग झारखंड सरकार को पत्र प्रेषित किया है। जिसकी प्रतिलिपि उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त, मुख्य अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग को दी है। जिसके उपरांत कांग्रेस भवन, चाईबासा में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि यह पथ दो राज्यों को जोड़ता है।
यह सड़क झारखंड के कोल्हान प्रमंडल की आर्थिक वृद्धि एवं लोगों की जीवन रेखा है। ओडिशा एवं झारखंड की लौह अयस्क एवं मैंगनीज अयस्क, लाइम स्टोन के परिवहन का कार्य एनएच 75 ई पथ से होकर ही चलता है। पथ से टाटा कंपनी तथा छोटे-बड़े निजी सरकारी तथा अर्द्ध सरकारी उद्योग के माल का परिवहन निर्भर है।
जिससे केंद्र एवं राज्य सरकार को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ का राजस्व मिलता है। मधु कोड़ा ने कहा कि इस वक्त एनएच 75 ई चाईबासा से हाटगम्हरिया पथ इतना क्षतिग्रस्त है कि इस पथ से होकर दो पहिया एवं मल्टी स्केल भारी गाड़ियों चलना भी मुश्किल हो रहा है।
अगर एक माह के अंदर सड़क का जीर्णोद्धार या पुनः निर्माण नहीं किया गया तो आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर सम्पूर्ण आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। माल ढुलाई के साथ-साथ यात्री बस भी नहीं चल पा रही है। इस संबंध में स्थानीय सांसद द्वारा केंद्र तथा राज्य सरकार को कई बार निर्माण के लिए पत्र लिखा गया, पर एनएच 75 ई पथ को जीर्णोद्धार या पुनः निर्माण हेतु कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सड़क नहीं बनने के कारण क्षेत्र के लोगों में भारी नाराजगी
कई बार गुहार के बावजूद इस महत्वपूर्ण सड़क नहीं बनने से क्षेत्र के लोगों में काफी नाराजगी है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि एनएच 75 ई चाईबासा से लेकर हाटगम्हरिया पथ को एक माह के अंदर जीर्णोद्धार या पुनः निर्माण कराया जाए, अन्यथा मजबूर होकर सड़क से लेकर सदन तक चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की होगी। प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता त्रिशानु राय , जितेन्द्र नाथ ओझा ,अविनाश कोड़ाह, राकेश कुमार सिंह उपस्थित थे।
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