चाईबासा के ग्रामीण इलाकाें में ‘अलग काेल्हान देश’ की मांग अचानक नहीं उठी है। इसकी पृष्ठभूमि चार महीने पहले से तैयार हाे रही थी। इस मुद्दे पर रविवार काे हिंसा भड़कने के बाद भास्कर साेमवार काे इस आंदाेलन का केंद्र बने लादुराबासा गांव पहुंचा ताे चाैंकाने वाला खुलासा हुआ। पता चला कि यहां सितंबर से ही काेल्हान गवर्नमेंट इस्टेट के नाम पर हाे भाषा के 10 हजार शिक्षक और 30 हजार सिपाहियाें की नियुक्ति की तैयारी चल रही थी। गांव-गांव के युवाओं की भर्ती हाे रही थी।
लादुराबासा गांव के स्कूल परिसर और पास के मैदान में राेज भीड़ बढ़ रही थी। कई गांवाें में नियुक्ति शिविर लगाए गए थे। गांवाें में फिटनेस टेस्ट कर युवाओं काे रेवड़ी की तरह सिपाहियाें के नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे। इसकी चर्चा पूरे पश्चिमी सिंहभूम जिले में थी। लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
पुलिस सूत्राें के मुताबिक काेल्हान में दशकाें से काेल्हान गवर्नमेंट इस्टेट की मांग उठती रही है। इस आंदाेलन के प्रमुख केसी हेम्ब्रम, रामाे बिरुवा आदि हैं। इनके खिलाफ राजद्राेह का मामला दर्ज हुआ था। धीरे-धीरे मामला ठंडा पड़ गया। इसलिए पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
हालांकि एसडीपीओ दिलीप खलखाे ने कहा कि सब कुछ गाेपनीय तरीके से हाे रहा था। पुलिस काे इसकी जानकारी हाेती ताे पहले ही कार्रवाई की जाती। इधर, रविवार काे मामला भड़का। अवैध बहाली के मामले में पुलिस ने चार आराेपियाें काे हिरासत में ले लिया तो ग्रामीणाें ने चाईबासा मुफस्सिल थाने पर हमला कर दिया। इस मामले में 17 लाेगाें काे गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को पुलिस ने तांबो चौक तक फ्लैग मार्च किया और दो लोगों को हिरासत में लिया।
बड़ा सबूत: अगस्त 2020 में ही केंद्र-राज्य दाेनाें काे दी थी सूचना, फिर भी इंटेलिजेंस फेल और हो गया बवाल
काेल्हान गवर्नमेंट इस्टेट के उत्तराधिकारी खेवटदार आनंद चातार ने 17 फरवरी 2021 काे ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय काे पत्र लिखा था। कहा था कि काेल्हान इस्टेट क्षेत्र में विल्किनसन रूल्स के तहत मुंडा-मानकी स्वशासन विधि व्यवस्था के तहत नाै अगस्त 2020 से काेल्हान के बेराेजगाराें काे राेजगार देने की शुरुआत की है। इसलिए मंत्रालय झारखंड सरकार काे सूचना दे कि वह इस क्षेत्र के बेराेजगाराें काे राेजगार देना बंद करे। इसकी काॅपी झारखंड के राज्यपाल और सीएम काे भी भेजी गई थी। इसके बावजूद केंद्र और राज्य का इंटेलिजेंस फेल रहा।
पूरे जिले काे भर्ती का पता था ताे पुलिस काे क्याें नहीं?
गिरफ्तार अजय बोला- मैं लालच में आया, भर्ती फर्जी
सिपाही भर्ती के लिए युवाओं का फिजिकल टेस्ट लेने वाले अजय पाड़ेया काे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अजय ने कहा-मैं सीआरपीएफ का जवान हूं। मुझे 50 हजार रुपए वेतन मिलता है। आनंद चातार ने मुझे एक लाख रुपए देने की बात कही थी। मुझे डीएसपी रैंक भी दी गई। मैं लालच में आ गया। अब पता चला कि आनंद की पैसे देने की हैसियत नहीं है। यहां फर्जी भर्ती चल रही है।
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