कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की घाटशिला डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस 2 महीने से बंद है। वेतन का अंशदान जमा करने के बाद भी यहां के 12 हजार ईएसआईसी कार्डधारी निजी अस्पताल में इलाज कराने को मजबूर हैं।
अस्पताल के प्रभारी डॉ. अभिषेक मुंडू 25 दिसंबर 2021 काे पटना गए थे। वहां शराब पीते पकड़े गए ताे जेल जाना पड़ा। इसी आराेप में उन्हें दिसंबर में निलंबित कर दिया गया। उनके अलावा अस्पताल में संविदा पर 4 डाॅक्टर नियुक्त थे। मार्च में उनका भी काॅन्ट्रैक्ट पूरा हाे गया, जाे रिन्युअल नहीं हुआ ताे उन्हाेंने अस्पताल आना छाेड़ दिया। अब दाे महीने ईएसआईसी अस्पताल बंद है। ईएसआई की सुविधा रहते हुए भी 12 हजार परिवार काे इलाज के लिए जमशेदपुर या बंगाल जाना पड़ रहा है।
अब 12 हजार लाेगाें काे ई-संजीवनी से ऑनलाइन सुविधा लेने की सलाह
अब परेशान लाेगाें काे स्टेट मेडिकल ऑफिसर संजीव कुमार ने मरहम लगाने की काेशिश की है। उन्हाेंने लाेगाें से ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सकीय सुविधा लेने की अपील की है। कहा है कि ईएसआईसी में ई-संजीवनी के माध्यम से ऑनलाइन सुविधा ली जा सकती है।
नर्सिंग हाेम भी ताेड़ रहे ईएसआईसी से करार
ईएसआईसी घाटशिला ने कई नर्सिंग होम से करार कर रखा था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण नर्सिंग होम भी ईएसआईसी से करार ताेड़ रहे हैं। रजिस्टर्ड कर्मचारियों की उम्मीद ओपीडी से थी। वह भी बंद कर दी गई है। इधर, इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स में सक्रिय धालभूम कॉन्ट्रैक्टर्स वर्कर्स यूनियन ने ईएसआईसी अस्पताल काे चालू करने की मांग की है।
यूनियन के सहायक सचिव राकेश दूबे ने ईएसआईसी के स्टेट मेडिकल ऑफिसर समीर कुमार और रिजनल डायरेक्टर आरएल मीणा काे पत्र भेजा है। अधिकारियाें ने अप्रैल में चालू करने का आश्वासन दिया था, पर ऐसा हाे न सका। ईएसआईसी अस्पताल बंद हाेने से वैसे लोग ठगा महसूस कर रहे हैं, जिनके वेतन का अंश प्रत्येक माह जमा हो रहा है। इधर ईएसआईसी कार्डधारी मरीजों के लिए यह अव्यवस्था दोहरी मार दे रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.