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लॉकडाउन के बाद से प्याज के भाव 25 रुपए से कम नहीं हुए। खरीफ सीजन के प्याज की आवक कम रहने से भाव में अंतर नहीं आया। वर्तमान में दूसरे राज्य से प्याज आने के कारण व कालाबाजारी के लिए स्टाॅक करने की वजह से 40 से बढ़कर 70 रुपए किलो हो गया है।
इससे प्याज फिर से लोगों के आंसू निकलने लगा है। महाराष्ट्र में अधिक बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने से नासिक के प्याज की आवक नहीं है। स्थानीय किसान प्याज का यहां उत्पादन नहीं करते हैं। खपत व दूसरे राज्यों में डिमांड अधिक होने के कारण भाव तेज है।
डीजल के दाम ज्यादा होने से ट्रांसपोर्टिंग खर्च बढ़ा
डीजल के दाम में वृद्धि सेे ट्रांसपोर्ट ने भाड़ा बढ़ा दिया। इस वजह से व्यापारियों द्वारा खरीदी करके स्टाॅक किया जा रहा है। दूसरे राज्यों से प्याज कम आ रहे हैं। इसी कारण दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है। यहां दूसरे राज्यों महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल से प्याज का आवक होता है।
20 क्विंटल हर दिन खपत
शहर में रोज 20 क्विंटल की खपत है। प्रतिदिन इतना प्याज की आवक नहीं है। इससे भाव तेज है। अभी दो महीने इसी तरह की तेजी रहेगी। अप्रैल में नई फसल पहुंचने पर कुछ भाव कम हो सकते हैं।
अभी बाजार में मिल रहा पुराना प्याज
प्याज व्यापारी सुरेश के अनुसार, खरीफ सीजन का प्याज अभी बाजार में आया है। जो गिला रहता है। इसे लोग जरूरत के हिसाब से खरीदते हैं। अप्रैल में नए प्याज की आवक शुरू होगी। इसे स्टॉक करने से खराब नहीं होगा।
अप्रैल में नए प्याज के आवक से घटेगी दाम
एक साल पहले फरवरी में 10 से 15 रुपए किलो बिका प्याज इस बार फुटकर में 40 से 45 रुपए किलो में बिक रहा था। एक सप्ताह के अंदर इसका भाव अचानक बढ़कर 70 रुपए किलो हो गया। व्यापारियों की मानें तो इसका मुख्य कारण कम बारिश से नासिक में प्याज का उत्पादन प्रभावित हाेना व डीजल का दाम बढ़ोतरी है। अभी दाम में और वृद्धि की आशंका है। अप्रैल में नए प्याज आने से प्याज के दाम में गिरावाट आएगी।
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