अक्टूबर में अब तक 73 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 66 ऐसे हैं, जो कोरोना के टीके की दोनों डोज ले चुके हैं और दो लोग एक डोज लगवा चुके हैं। यही कारण है कि इनमें से 47 लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखा। 21 लोगों में लक्षण दिखा, लेकिन उन्हें कोई खास परेशानी नहीं हुई और सात -आठ दिनों में उनकी रिपोर्ट निगेटिव भी आ गई।
पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम से लेकर इलाज की स्ट्रेटजी (रणनीति) बनाने वाले एसीएमओ सह महामारी रोग विशेषज्ञ डाॅ साहिर पाल के अनुसार, अक्टूबर में जिले में संक्रमितों की संख्या में सितंबर के मुकाबले बढ़ोतरी देखी गई है। यह चिंता का विषय है। हालांकि, टीकाकरण अभियान का फायदा दिखने लगा है। अक्टूबर में जो 73 नए मरीज मिले हैं, उनमें 62 कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके हैं। इनमें 41 व्यक्ति संक्रमित होने के बावजूद बिना किसी लक्षण-परेशानी के 3-4 दिन में निगेटिव हो गए। 21 संक्रमितों में कोरोना के लक्षण थे, पर उन्हें विशेष परेशानी नहीं हुई। औसतन 7-8 दिन में इनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई।
इसके अलावा 4 व्यक्ति ने को-वैक्सीन की दोनों और दो व्यक्ति ने पहली डोज ली थी। इन छह लोगों को भी कोई परेशानी नहीं हुई और औसतन 3 दिन बाद ही इनकी रिपोर्ट निगेटिव हो गई। पांच अन्य संक्रमितों को हर्ड इम्युनिटी के कारण परेशानी नहीं हुई।
पांच महीने की स्थिति
महीना नए मरीज ठीक हुए मौत
45 फीसदी संक्रमित ट्रैवल हिस्ट्री वाले
73 पॉजिटिव में 31 (करीब 45 प्रतिशत) की ट्रैवल हिस्ट्री रही है। इनमें अधिकतर पश्चिम बंगाल से आए हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पश्चिम बंगाल से आने वाले हर व्यक्ति की जांच के साथ विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है।
अब तक टीकाकारण... जिस चाकुलिया प्रखंड से हुई थी कोरोना की इंट्री, वहां 100 फीसदी, मुसाबनी में 00% को पहली डोज लग चुकी
पूर्वी सिंहभूम में 12 मई 2020 को चाकुलिया से कोरोना पॉजिटिव मिलने की शुरुआत हुई थी। लेकिन कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान में इसी प्रखंड ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। चाकुलिया में 18 साल से ज्यादा उम्र की आबादी 79563 है, लेकिन यहां 85366 लोगों को पहली डोज और 18604 लोगों को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है। टीकाकरण मामले में मुसाबनी अंतिम पायदान पर है। जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में अब तक 85 प्रतिशत लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है।
कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की सेवा करने वाले जिले के 16146 हेल्थ वर्करों में से 13996 ने ही दोनों डोज लिए हैं। 1902 हेल्थ वर्करों ने समय बीत जाने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। इसी तरह जिले के 30178 फ्रंटलाइन वर्करों में से 26539 ने ही दोनों डोज लगवाई है।
वैक्सीन ही बचाव का एकमात्र उपाय
जिले में कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली डोज के बाद निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लगवाई है। ऐसे लोगों से अपील है कि वे दूसरी डोज अवश्य लगवाएं, क्योंकि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र जरिया वैक्सीन ही है।-डाॅ साहिर पाल, एसीएमओ, पूर्वी सिंहभूम
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