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माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को इस बार बसंत पंचमी सर्वार्थ एवं अमृत सिद्धि योग में मनाई जाएगी। 16 फरवरी को मां सरस्वती का प्राकट्य होने से घरों, मंदिरों व शिक्षण संस्थानों में उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना होगी। इसके साथ ही बसंत ऋतु की शुरुआत होगी। यह दिन विद्यार्थियों, लेखन और संगीत से जुड़े लोगों के लिए खास महत्व रखता है। इस बार खास बात यह है कि शुक्र ग्रह के अस्त रहते इन दिनों विवाह के मुहूर्त नहीं है। लेकिन, बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त होने से शहर में इस दिन कई जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधेंगे। इसके बाद विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल से शुरू होंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश कुमार उपाध्याय शास्त्री ने बताया कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को सुबह 3:36 बजे हो रहा है, जो 17 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक है। ऐसे में बसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी को ही मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए 5 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा। इसी बीच ही सरस्वती पूजा करनी चाहिए। 16 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच सरस्वती पूजा का मुहूर्त बन रहा है।
मां सरस्वती की पूजा के लिए मिलेगा 5 घंटे 37 मिनट का समय
7 फरवरी- षटतिला एकादशी
9 फरवरी- भौम प्रदोष व्रत
10 फरवरी- मासिक शिवरात्रि
11 फरवरी- मौनी अमावस्या
12 फरवरी- माघ गुप्त नवरात्र प्रारंभ, कुंभ संक्रांति
15 फरवरी- गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी
16 फरवरी- बसंत पंचमी
19 फरवरी- अचला सप्तमी, शिवाजी जयंती
20 फरवरी- भीष्म अष्टमी
21 फरवरी- गुप्त नवरात्र समापन
23 फरवरी- जया एकादशी
24 फरवरी- प्रदोष व्रत
27 फरवरी- संत रवि दास जयंती
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