राहत:पूर्वी सिंहभूम के 1500 सहित राज्य के 17 हजार मैट्रिक-इंटर के छात्राें काे काेर्ट से राहत, दो हफ्ते में एडमिट कार्ड जारी करने का निर्देश

जमशेदपुर2 वर्ष पहले
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फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
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  • पुन: बिना 9वीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षा दिए और पुर्न पंजीयन के तहत परीक्षा फार्म भरा
  • काेर्ट के इस फरमान से पूर्वी सिंहभूम जिले के 1500 सहित पूरे राज्य के करीब 17 हजार छात्राें काे राहत मिली

झारखंड हाईकाेर्ट से मैट्रिक व इंटरमीडिएट के वैसे छात्राें काे बड़ी राहत मिली हैं, जिन्हाेंने पुन: बिना 9वीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षा दिए और पुर्न पंजीयन के तहत परीक्षा फार्म भरा है। हाईकाेर्ट ने जैके काे ऐसे सभी छात्राें का एडमिट कार्ड दाे सप्ताह के अंदर जारी करने का अादेश दिया है। काेर्ट के इस फरमान से पूर्वी सिंहभूम जिले के 1500 सहित पूरे राज्य के करीब 17 हजार छात्राें काे राहत मिली है। जैक ने इन छात्राें का एडमिट कार्ड यह कहते हुए राेक दिया है कि इन्हाेंने दाेबारा पंजीयन फाॅर्म भरने की तिथि समाप्त हाेने परीक्षा फाॅर्म भरा है।

जैक ने इन छात्राें का रिजल्ट नहीं जारी करने की घाेषणा भी की थी। जैक के इस फैसले के खिलाफ झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ के अध्यक्ष माेहम्मद ताहिर ने हाईकाेर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनावाई करते हुए हाईकाेर्ट ने जैक काे दाे साप्ताह के अंदर इन सभी छात्राें का एडमिट कार्ड जारी करते हुए रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया में इन्हें शामिल करने काे कहा। काेर्ट का कहना है कि किसी भी स्थिति में छात्राें का नुकसान नहीं हाेना चाहिए और अगर छात्राें का परीक्षा फार्म भरवा लिया गया था, ताे उन्हें परीक्षा से नहीं राेका जा सकता है।

जैक ने छात्रों के एडमिट कार्ड जारी करने से कर दिया था इनकार

जैक ने जिन छात्राें का एडमिट कार्ड राेका था, उसमें अधिकतर ऐसे छात्र थे, जिन्हाेंने 9वीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षा दिए बिना ही मैट्रिक व इंटरमीडिएट बाेर्ड परीक्षा का फार्म भर दिया था। यह नियम विरूद्ध है और इसके लिए स्कूल पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। जैक के फैसले के खिलाफ झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ का तर्क था कि काेविड की वजह से कई छात्र 2020 में परीक्षा फार्म नहीं भर पाए वहीं कई नाैवीं व 11वीं की परीक्षा नहीं दे पाए। लेकिन जब परीक्षा फार्म भरा गया, ताे उन्हाेंने फार्म भरा, जिसे जैक ने स्वीकार किया और परीक्षा फीस भी ली। अगर जैक काे काेई आपत्ति थी, ताे उसे छात्राें का परीक्षा फार्म उसी समय रद्द करना चाहिए था। लेकिन जैक ने ऐसा न करके रिजल्ट प्रकाशन से ठीक पहले छात्राें का एडमिट कार्ड राेकते हुए परीक्षा में ही शामिल नहीं हाेने की बात कही, जाे गलत है।

हाईकाेर्ट का आदेश

हाईकाेर्ट ने कहा- जिन्होंने 9वीं-11वीं की परीक्षा दिए बिना ही 10वीं-12वीं का फार्म भरा है, उनकी नाैवीं व 11वीं के अर्धवार्षिक परीक्षा के अंक काे आधार बनाए। अगर छात्र पास हाे रहे हैं, ताे उन्हें एडमिट कार्ड दाे सप्ताह के अंदर जारी किया जाए।

यह छात्रों की बड़ी जीत

यह छात्राें की बड़ी जीत है। इससे राज्य के 17 हजार से अधिक छात्राें काे राहत मिली है। उम्मीद है जैक काेर्ट के आदेश का पालन करते हुए छात्राें काे एडमिट कार्ड जारी करेगा और इन्हें रिजल्ट प्रकाश की प्रक्रिया में शामिल करेगा।

-माे. ताहिर, अध्यक्ष, झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ