कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम का हाल बेहाल है। गर्मी के बीच अस्पताल में मरीजों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है। मौसमी बीमारी जैसे बुखार, डायरिया, दस्त, उल्टी, अनिद्रा के साथ किडनी, लीवर की बीमारियों के मरीजों से अस्पताल भरा हुआ है। इमरजेंसी लेकर वार्डों में बेड फुल है। आलम यह है कि इमरजेंसी वार्ड के बरामदे के दोनों ओर मरीज जमीन पर कराह रहे हैं।
सरकारी तौर पर इमरजेंसी में 10 बेड स्वीकृत हैं। अस्पताल प्रशासन ने 25 बेड और लगाकर इसे 35 बेड का बना दिया है। इसके बावजूद भी मरीजों की संख्या अधिक होने से जमीन पर इलाज चल रहा है। बुधवार को गंभीर रूप से बीमार 57 मरीज इमरजेंसी में इलाजरत थे।
इसमें 22 मरीजों का इलाज जमीन पर हो रहा था। वहीं 40 से अधिक पारा और उमस के बीच मेडिसिन वार्ड के पंखे खराब रहने से मरीज और अधिक परेशान हो रहे हैं। मरीज और उनके परिजन पूरे समय हाथ पंखा लेकर डोलाते रहते हैं। मरीजों का कहना है कि पिछले 20 दिन से पंखा खराब है। अस्पताल प्रशासन को शिकायत भी की गई है, पर मरम्मत नहीं हुई।
इन वार्डों में बेड कम और मरीज अधिक
वार्ड बेड मरीज इमरजेंसी 35 57 मेडिसीन 120 134 ऑर्थोपेडिक 60 72 गायनिक 70 107 सर्जरी 120 130
यहां का पंखा खराब है, तो घर से अपना पंखा मंगवाकर लगाना पड़ा
गर्मी से हाल-बेहाल है। 40 डिग्री से ऊपर तापमान है, यहां का पंखा खराब है। जब बर्दाश्त नहीं हुआ है, तो घर से अपना पंखा मंगा लगाया। अब थोड़ी राहत है। -महेंद्र टकैत, मरीज, मेडिसिन वार्ड
गर्मी में पंखा खराब है, कोई इसे देखने वाला नहीं है। हाथ पंखा चलाकर किसी तरह जान बचा रहे हैं। दूसरा कोई उपाय नहीं है।
-पद्मा गोप, मरीज, गायनिक वार्ड
किसी तरह अतिरिक्त बेड और गद्दा लगाकर मरीजों का इलाज चल रहा है
सरकारी अस्पताल में किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा सकता है। इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक में बेड फुल है। किसी तरह अतिरिक्त बेड और गद्दा लगाकर मरीजों को इलाज चल रहा है। जहां तक पंखा खराब रहने की बात है, इसे त्वरित दिखवा कर ठीक कराया जाएगा। -डाॅ. नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम मेडिकल काॅलेज व अस्पताल।
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