कृषि उत्पादन बाजार समिति में प्रस्तावित बाजार शुल्क के 2 प्रतिशत करने विरोध में खाद्यान्न व्यापारियों का आंदोलन जारी है। गुरुवार को बाजार समिति में खाद्यान्न काफी कम उतरा। बुधवार को जहां मंडी में 2 सौ टन माल उतरा था. गुरुवार को 150 टन खाद्यान्न पहुंचा। सामान्य दिनों में हर दिन मंडी में 400-500 टन माल उतरता था।
व्यापारियों ने नया माल का ऑर्डर देना बंद कर दिया है। इसके चलते खाद्यान्न की आवक में काफी कमी आई है। हालांकि अबतक खाद्यान्न की किसी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ा है। पहले से जो ऑर्डर व्यापारियों ने दिया था, वह माल अब उत्तर प्रदेश और दिल्ली से यहां पहुंच रहा है। चावल, आटा, गेहूं और मसाला मंडी पहुंचा।
व्यापार मंडल के महासचिव करण ओझा ने बताया- आवक घटने लगी है। अगले एक-दो दिन में माल की आवक में और गिरावट आएगी। उधर, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स राज्यपाल द्वारा बिल वापस करने की समीक्षा राज्य भर के व्यापारियों से शुक्रवार को जूम मीटिंग में करेगा। इसके बाद आगे के आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
आज वर्चुअल मीटिंग के जरिए व्यापारियों से ली जाएगी राय
व्यापारियों का आंदोलन अभी जारी है। इसके चलते मंडी में माल उतरना कम हो गया है। हालांकि अभी खाद्यान्न की कोई कमी नहीं हुई है। शुक्रवार को राज्य भर के व्यापारियों की जूम मीटिंग होगी। इसके बाद आंदोलन की आगे की रुप रेखा तय की जाएगी। इसमें हो सकता है कि आंदोलन को स्थगित कर दिया जाए। -करण ओझा, महासचिव व्यापार मंडल।
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