कृषि उत्पादन बाजार समिति में प्रस्तावित बाजार शुल्क के 2 प्रतिशत करने के विरोध में खाद्यान्न व्यापारियों का आंदोलन का असर अब तक नहीं पड़ा है। हालांकि मंडी के व्यापारियों ने नए माल का आर्डर देना बंद कर दिया है।
परसुडीह बाजार समिति में मंगलवार को लगभग 3 सौ टन खाद्यान्न उतरा। इसमें चावल, गेंहूं, तेल, आटा जैसे खाद्यान्नों के 21 ट्रकों का माल अनलोड किया गया। अभी पुराने आर्डर का माल ही मंडी में उतर रहा है। व्यापार मंडल के महासचिव करण ओझा के मुताबिक मंडी में माल 22 मई तक उतरेंगे। क्योंकि कई खाद्यान्न अभी रास्ते में हैं।
सबसे ज्यादा वक्त राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से आने वाले खाद्यान्नों के आने में वक्त लगता है। जिसको यहां पहुंचने में ही चार से पांच दिन का वक्त लग सकता है। उन्होंने बताया कि 22 मई के बाद मंडी में कोई माल नहीं उतरेगा।
जो स्टाक कारोबारियों के पास है उसे ही बेचा जाएगा। वैसे बाजार समिति के मंडी में औसतन हर दिन 4 सौ टन खाद्यान्न विभिन्न राज्यों से पहुंचता है। अबतक आवक में कोई गिरावट नहीं आई है। अभी खाद्यान्न, आलू प्याज की कोई किल्लत नहीं है। मंडी में स्टाक उतरने का सिलसिला जारी है। उधर, व्यापार मंडल और सिंहभूम चैंबर की ओर से गठित की गई निगरानी समिति की ओर से माल के आवक की निगरानी की जा रही है।
परसुडीह बाजार समिति में मंगलवार को लगभग 3 सौ टन खाद्यान्न उतरा
व्यापारियों के आंदोलन का असर
बाजार पर...
आम लोगों पर...
दो दिन में 7 सौ टन खाद्यान्न का आर्डर नहीं गया
आंदोलन के पहले दिन परसुडीह बाजार समिति से लगभग 400 टन खाद्यान्न का आर्डर नहीं गया तो दूसरे दिन मंगलवार को 250 टन खाद्यान्न का आर्डर व्यापारियों ने नहीं दिया।
बाजार समिति के महासचिव करण ओझा के मुताबिक बाजार समिति से लगभग एक सौ टन चावल, 70 टन आटा, दाल 40 टन, तेल और अन्य सामग्रियों का 40 टन आर्डर नहीं दिया गया है।
स्थगित हो सकता है आंदोलन : सिंहभूम चैंबर
आंदोलन का असर पड़ा है। माल का नया ऑर्डर नहीं दिया गया है। व्यापारियों के आंदोलन के चलते राज्यपाल ने कृषि बाजार समिति के 2 प्रतिशत टैक्स का प्रस्ताव को वापस कर दिया है। बुधवार को चैंबर विभिन्न व्यापारिक संगठनों के साथ बैठक कर आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय ले सकता है। -विजय आनंद मूनका, सिंहभूम चैंबर
व्यापारियों का आंदोलन रहेगा जारी : बाजार समिति
बाजार टैक्स के खिलाफ व्यापारियों का आंदोलन जारी है। मंगलवार को भी लगभग 250 टन खाद्यान्न का आर्डर नहीं दिया गया है। खाद्यान्न के कई ट्रक रास्ते में हैं, 22 तक सभी यहां आ जाएंगे। इसके बाद मंडी में खाद्यान्न नहीं आएगा। सरकार को मंडी शुल्क को वापस लेना ही होगा। -करण ओझा, महासचिव, व्यापार मंडल, परसुडीह बाजार समिति
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