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मनरेगा मजदूरों को लगभग दो माह से मजदूरी नहीं मिली है। इससे कई मजदूर पलायन को मजबूर हैं। सरकार मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए मनरेगा से कई योजनाएं चला रही हैं। खासकर लॉकडाउन के बाद से झारखण्ड सरकार लोगों को अपने गांव घर में ही रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है।
मगर मनरेगा में मजदूरी भुगतान समय पर नहीं होने से मजदूर निराश होते हैं। ऐसा एक बार नहीं प्रायः मजदूरी भुगतान विलंब होती रहती है। जिससे मजदूरों में एक तरह से मनरेगा में कार्य करने के प्रति आलसीपन नजर आता है। मजदूरों का एक ही शिकायत रहता है कि सरकार समय पर मजदूरी भुगतान नहीं करती। इसके अलावे मनरेगा में मजदूरी अपेक्षाकृत कम है।
जिसे बढ़ाया जाना चाहिए। इधर कांग्रेस के प्रखंड महासचिव गुरुवार को राजनगर प्रखंड बीजाडीह पंचायत अंतर्गत रघुनाथपुर, पोखरिया, खैरबानी, जामडीह, रोला, कुमडीह, अर्जुनबिला आदि गांवों के मनरेगा मजूदरों से मिले। जिनको दो माह से मजदूरी भुगतान नहीं हुई है। भुट्टा रावत ने कहा कि 2 माह से मजदूरी नहीं मिलने से मजदूरों के समाचार आर्थिक रूप से काफी समस्याएं उत्पन्न हुई है कई मजदूर अन्यत्र काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
कार मजदूरों का पलायन रोकने का प्रयास कर रही है मगर इस तरह में दूरी दर इतनी कम होने और लेट में भुगतान होने से मजदूरों मैं काफी निराशा है यदि तीन-चार दिन के अंदर भुगतान नहीं होता है तो मजदूरों को लेकर हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।
मजदूरों का पेमेंट तीन चार दिनों में संभव : बीपीओ
मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार तियु ने कहा कि सम्भवतः तीन चार दिन में बकाया भुगतान होने की संभावना है। कल शाम से स्टेट से फंड आना शुरू हो गया है। गत 28 दिसम्बर के बाद से मजदूरों का भुगतान रुका हुआ है। ऐसा ऊपर से फंड की कमी के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। इसका समाधान किया जाएगा।
पॉजिटिव- आज आप बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने काम संपन्न करने में सक्षम रहेंगे। सभी का सहयोग रहेगा। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए सुकून दायक रहेगा। न...
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