पलामू जिले में कंबल आपूर्तिकर्ता नूतन इंडस्ट्रीज ने जो कंबल सप्लाई की है, और जिस कंबल का वितरण जिला व प्रखंड प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधि द्वारा जिस तरह धड़ाधड़ किया जा रहा है वह गरीबाें के साथ मजाक है। तय मानक के विपरीत कंबल आपूर्ति किए जाने की खबर को प्रमुखता से दैनिक भास्कर में प्रकाशित होने के बाद भी कंबल का वितरण निरंतर जारी है।
कंबल आपूर्ति कर्ता के संवेदक मो परवेज के सहयोगी मो रुस्तम ने मोबाइल पर फोन कर बताया कि हमलोगों द्वारा इस वर्ष फुदना वाला कंबल नहीं, बल्कि इंटरलाॅक वाले कंबल की आपूर्ति की गई है। इधर जब दैनिक भास्कर ने हरिहरगंज बीडीओ से पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरे यहां फुदना वाला ही कंबल मिला है।
इसके बाद दैनिक भास्कर ने जिले के दूसरे प्रखंड में इंटरलाॅक वाले कंबल को एक बार धुलवाकर तराजू पर चढ़ाया तो, उसका वजन भी 1 किलोग्राम 666 ग्राम था। जो सरकारी मानक से 334 ग्राम कम है। अब स्थिति और साफ हो गयी है कि सप्लायर ने दो तरह की कंबल आपूर्ति की है, जिसमें एक घटिया है तो दूसरा महाघटिया। महाघटिया कंबल का वजन मानक से 770 ग्राम कम है। जिला प्रशासन द्वारा कंबल का वजन 2 किलोग्राम निर्धारित किया गया था।
प्रति कंबल 292 रुपए मिलना है आपूूर्तिकर्ता काे, जिले में बंटना है 57379 कंबल
जिले में वितरित हो रहे एक कंबल के लिए प्रशासन द्वारा 292 रुपए आपूर्तिकर्ता को दी जानी है। पूरे जिले में 57379 कंबल का वितरण किया जाना है। गौरतलब हो कंबल आपूर्तिकर्ता ने जिले के सभी बीडीओ से सेटिंग कर उपयोगिता प्रमाण पत्र भी ले लिया है। यही प्रमाणपत्र कंबल आपूर्ति के एक करोड़ 67 लाख, 57 हजार 588 रुपए के भुगतान का आधार बनेगा। जिले में गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले सत्ताधारी दल व विपक्ष के नेता घटिया कंबल आपूर्ति का मामला उजागर होने के बाद भी खामोश हैं।
पलामू सांसद बीडी राम व चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह ही नहीं इनके प्रतिनिधि भी इस मामले में कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है।जानकार बताते हैं कि उपायुक्त ने सभी बीडीओ को यह सख्त निर्देश दिया था कि कम वजन का कंबल किसी भी सूरत में रिसीव न करें। उसे धुलवाकर भी वजन करा लें, पर उनके निर्देश की अनदेखी की गई। आनन-फानन में सभी कंबलों का पंचायतवार वितरण करवा दिया।
सप्लायर ने बीडीओ से मिलीभगत कर बंटवाया कंबल
स्थानीय सप्लायर कंबल की खेप आने के पहले ही बीडीओ से मुलाकात कर सेटिंग कर ले रहे हैं और उनसे जितना जल्दी हो सके कंबल वितरण करने की बात कर रहे हैं। यही कारण है कि सप्लायर को उपयोगिता प्रमाण पत्र बीडीओ द्वारा दे दिया गया।
गौरतलब हो कि उपायुक्त व सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा जारी कार्यादेश में कहा गया था कि कंबलों की गुणवत्ता नमूना के अनुरूप सही नहीं रहने पर कंबल की आपूर्ति स्वीकार नही की जायेगी । सप्लायर द्वारा जिला में जमा किए गये कंबलों में से एक- एक कंबल का नमूना भी सभी बीडीओ को भेजा गया था।
निविदा में निहित शर्त के आलोक में विलंब से आपूर्ति करने पर राशि की कटौती की जाएगी एवं कंबल की गुणवत्ता खराब रहने पर उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा व विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल उठता है कि उपायुक्त के निर्देश का कितना अनुपालन हो रहा है उसे देखेगा कौन? हालांकि पलामू डीसी ने सभी बीडीओ को फटकार लगाते हुए मामले की जांच करने को कहा है।
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