झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा का सम्मेलन बुधवार को नगर भवन में जिला कार्यकारी अध्यक्ष अमर किंडो की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें झारखंड आंदोलन के पुरोधा सह पूर्व मंत्री सधनू भगत, मोर्चा के केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, वरीय उपाध्यक्ष अश्विनी कुजूर, केन्द्रीय सचिव कयूम खान, जिला संयोजक प्रो. विनोद भगत मौजूद थे। मौके पर पूर्व मंत्री भगत ने कहा कि हमने झारखंड आंदोलनकारी और उनके दर्द को जाना है और करीब से देखा है।
किस तरह से झारखंड आंदोलनकारियों ने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई के लिए कोसों पैदल चला है। संघर्ष किया है और इस झारखंड अलग राज्य को बनाने के लिए शहादत दी है। 1932 के खतियान को आदिवासियों और मूल वासियों के हित में बताते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द नियोजन नीति बनाकर लोगों को नियोजित करें। केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 24 सितंबर को मोरहाबादी मैदान में एक दिवसीय सत्याग्रह के माध्यम से दिशोम गुरु शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलनकारियों, आदिवासी मूलवासियों के हितार्थ मांग पत्र सौंपेंगे।
संबोधित करने वालों में केंद्रीय सचिव कयूम खान, जिला संयोजक प्रो. विनोद भगत, विनिता खलखो, एरेन कच्छप, मंगलेश्वर कच्छप, डॉ अजय नाथ शाहदेव, विशेषण भगत, इसरार अहमद, भरत गोप, प्रदीप राणा, चैतू मुंडा, वजीर अंसारी, बालोमनी बाखला आदि शामिल थे। कार्यक्रम में संचालन व स्वागत भाषण जिला प्रवक्ता अनिल कुमार भगत ने किया। इस अवसर पर सैकड़ों आंदोलनकारी थे।
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