पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
आमताैर पर लाेग सड़क हादसे में घायलाें की मदद करने से कतराते हैं। वे डरते हैं कि घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने पर कई कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ेंगी। वे बेवजह कानूनी पचड़े में पड़ेंगे। यही सोचकर लोग घटनास्थल से गुजर जाते हैं। कोई भी घायलों की मदद करने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए आगे नहीं आते। लेकिन अब यह सबकुछ बदलने वाला है। दरअसल हादसे में घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने पर झारखंड सरकार उन्हें 2500 रुपए का इनाम देगी। उन्हें ट्राॅफी और सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने स्वास्थ्य विभाग से 31 जनवरी तक इस आशय का प्रस्ताव मांगा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि सरकार की इस काेशिश से लाेग सड़क हादसे में घायलाें की बेझिझक मदद करेंगे। घायलों को समय पर मदद मिलेगी तो बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकेगी। यही नहीं, अब इस याेजना के तहत घायलाें के इलाज का पूरा खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।
सुप्रीम काेर्ट और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय का आदेश है कि घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने वालाें से काेई पूछताछ नहीं की जाएगी। उनकी पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा और अस्पताल से बिना झंझट उन्हें जाने की अनुमति दी जाएगी। यह आदेश झारखंड में भी लागू है, लेकिन अब सरकार उन्हें पुरस्कार देने की भी याेजना बना रही है। यह पुरस्कार याेजना प्रयाेग के ताैर पर सबसे पहले दिल्ली में शुरू की गई थी। इसके बाद हादसे में घायलाें काे अस्पताल पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में लाेग आगे आए। सिर्फ दिल्ली में ही डेढ़ साल में करीब 3000 लाेगाें की जान बची। झारखंड में भी यह प्रस्ताव लागू होने से यहां सड़क हादसे में घायलाें काे लोग बिना झिझक अस्पताल पहुंचाएंगे। इससे घायलों की जान भी बचेगी, साथ ही इनाम भी मिलेगा।
झारखंड में औसतन हर वर्ष 6 हजार हादसे, 3200 लाेगाें की हाेती है माैत
झारखंड में हर साल औसतन छह हजार सड़क हादसे हाेते हैं। इनमें करीब 3200 लाेगाें की माैत हाेती है और 7000 से ज्यादा लाेग घायल हाेते हैं। वर्ष 2018-19 के आंकड़े काे देखें ताे राज्य में 5198 हादसे हुए। इनमें 3256 लाेगाें की माैत हुई, जबकि 7000 लाेग घायल हुए। मरने वालाें में ज्यादातार 20 से 40 साल की उम्र के थे। वहीं रांची में साल में औसतन 720 हादसे हाेते हैं, जिनमें 360 लाेगाें की माैत हाेती है। इनमें से ज्यादातर हादसाें का कारण लापरवाही और ट्रैफिक नियमाें का पालन न करना हाेता है। हेलमेट न लगाना भी एक मुख्य कारण है।
अभी इन राज्यों में पुरस्कार
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.