ईडी ने झारखंड सरकार से वरिष्ठ आइएएस पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में दोषमुक्त करने और कठौतिया कोल माइंस जमीन गड़बड़ी में एसीबी जांच की अनुमति न देने वाली फाइलें मांगी हैं। ईडी का यह पत्र सोमवार तक संबंधित विभागों में पहुंचने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि जांच टीम को कुछ और दस्तावेज हाथ लगे हैं, उस पर भी रिपोर्ट मांगने की तैयारी है।
गौरतलब है कि खूंटी और चतरा में डीसी रहने के दौरान पूजा सिंघल के कार्यकाल में हुए मनरेगा घाेटाले में इन्हें प्रथम दृष्टया दोषी मानकर सरकार ने विभागीय कार्रवाई शुरू की थी। विभागीय रिपोर्ट कार्मिक विभाग पहुंची तो तत्कालीन कार्मिक सचिव निधि खरे ने रिपोर्ट पर ग्रामीण विकास विभाग से राय लेने की बात लिखी थी। तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने पूजा सिंघल को आरोपों से दोषमुक्त करने संबंधी प्रस्ताव पर असहमति जताई थी। लेकिन सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। वहीं कठौतिया कोल माइंस से जुड़े 83 एकड़ जमीन आवंटन में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी थी। इससे पहले तत्कालीन पलामू कमिश्नर एनके मिश्रा ने 29 जनवरी 2015 को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। उसमें पूजा सिंघल को दोषी बताया था। लेकिन सरकार ने एसीबी जांच की अनुमति नहीं दी थी।
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