झारखंड में अब निजी मेडिकल कॉलेज की 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के आधार पर निर्धारित की गयी शुल्क लगेगी। यह अहम फैसला नेशनल मेडिकल कमीशन के आदेश पर दिया गया है। इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस फैसला का असर मेडिकल पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगा। कई छात्रों को सरकारी कॉलेज ना मिलने की वजह से भारी भरकम मेडिकल की पढ़ाई का फीस भरना पड़ता है। इस फैसले से इन छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। विभाग ने इसी साल तीन फरवरी को नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा जारी उआदेश को लागू करने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत निजी मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी मेडिकल कालेजों में लागू शुल्क लेना अनिवार्य होगा। झारखंड में निजी क्षेत्र में मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज, जमशेदपुर तथा लक्ष्मी चंद्रवंशी मेडिकल कालेज, पलामू में एमबीबीएस में नामांकन होता है। बीडीएस में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अवध डेंटल कालेज, वनांचल डेंटल कालेज आदि कालेजों में पढ़ाई होती है। मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर होनेवाले नामांकन में सरकारी मेडिकल कालेज के लिए निर्धारित शुल्क ही लागू होगा। सरकारी फीस के साथ- साथ बाकि बची 50 प्रतिशत सीटों के लिए मेडिकल कालेज अपना शुल्क ले सकता है। पीजी में भी 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी शुल्क ही लागू होगा। इसे लेकर झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने एमबीबीएस, बीडीएस तथा बीएचएमस में नामांकन के लिए पहली काउंसिलिंग के आधार पर सीटों का आवंटन किया जाना है।सीटों का आवंटन राज्य मेधा सूची के आधार पर कर दिया गया है।आवंटित सीटों पर चार नवंबर तक नामांकन होना है।
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