मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खनन केआरोपी पंकज मिश्रा के खिलाफ गवाही देने के बाद विजय हांसदा को लगातार धमकी मिल रही है। विजय हांसदा ने पहले भी धमकी मिलने और जान का खतरा बताया था। अब जब वह जेल में बंद है तब भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने विजय हांसदा से सादे कागज पर हस्ताक्षर भी लिया है।
आर्म्स एक्ट में जेल में बंद है पंकज मिश्रा के खिलाफ गवाही देने वाले विजय
ईडी की पूछताछ में विजय हांसदा ने कहा कि उन्हें जबरन फंसाया गया है। उनके पास कोई हथियार नहीं थे। विजय हांसदा को आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजने पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इस गिरफ्तारी के बाद साहिबगंज पुलिस सवालों के घेरे में हैं। विजय हांसदा ने ईडी को बताया कि उसे लगातार धमकी मिल रही हैं। अब भी जेल के अंदर उन्हें केस वापस लेने और गवाह ना बनने की सलाह दी जा रही है।
कैसे हुई गिरफ्तारी, क्या है पुलिस का पक्ष
11 नवंबर को साहिबगंज की जिरवाबाड़ी थाने की पुलिस ने विजय और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद एक प्रेस रिलीज जारी की और बताया कि उन्हें सूचना मिला थी कि विजय हांसदा और उनके बेटे मनोज ग्रामीणों को धमका रहे हैं। टीम गठित कर एसआई प्रकाश रंजन, एएसआई ब्रजनंदन चौधरी ने सशस्त्र बल के साथ छापेमारी की।पुलिस ने इनके पास से 2 देसी राइफल बरामद कर लिए।
ईडी के गवाह का पुलिस की कार्रवाई पर बड़ा आरोप
इस गिरफ्तारी के बाद विजय हांसदा का पक्ष भी सामने आया। उन्होंने कहा, पुलिस वाले अपने साथ अवैध हथियार लेकर पहुंचे थे। उन्हें गिरफ्तार किया और उस हथियार को उनके पास से बरामद किया गया, केस में ये बता दिया। हथियार के साथ हमारी गिरफ्तारी दिखाते हुए हमें जेल भेज दिया। यह एक बड़ी साजिश है जिसके तहत हमें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
खड़े होते सवाल
इस पूरे मामले में साहिबगंज पुलिस की कार्रवाई को संदेश के नजर से देखा जा रहा है। अवैध खनन के मामले में पंकज मिश्रा मुख्य आरोपी हैं। इस मामले की जांच और केस को जल्द खत्म करने के लिए पुलिस पर आरोप लगते रहे हैं कि उनकी कार्रवाई निष्पक्ष नहीं है। विजय हसदा को 12 नवंबर को साहिबगंज जिला पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा है। ईडी की टीम ने शुक्रवार को साहिबगंज जेल में बंद विजय हांसदा से लंबी पूछताछ की। इस पूछताछ में ईडी के सामने विजय हांसदा ने कई नये तथ्य रखे। ईडी ने पूछा कि किस पुलिस पदाधिकारी ने उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया. उस दौरान वहां कौन-कौन मौजूद था. विष्णु यादव से उसकी मुलाकात कब हुई. उसने केस वापस लेने के लिए कौन सा प्रलोभन दिया ?
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