पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि तबरेज की मौत पर भड़के कांग्रेसी, दुमका में सुभान की मॉब लिचिंग पर क्यों मौन हैं। दास ने कहा कि वर्ष 2019 में तबरेज अंसारी की मौत को मानवता पर धब्बा बतानेवाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीएम, सीपीआई समेत कई संगठनों ने दुमका में 11 मई को बकरी चोरी के नाम पर सुभान अंसारी की हुई मॉब लिचिंग पर चुप हैं। इनलोगों के ट्वीट और आंसू भी आखिर सेलेक्टिव क्यों होते हैं।
दास ने कहा कि भीड़ के हाथों किसी की भी मौत गैरकानूनी और निंदनीय होती है, चाहे वह तबरेज की मौत हो या सुभान अंसारी की हत्या हो। रघुवर दास ने कहा कि 11 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला दुमका के काठीकुंड, शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में बकरी चोरी का आरोप लगाकर दो लोगों की निर्मम पिटाई की गई और उनमें से सुभान अंसारी की मौत हो गई। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मांग किया कि अंसारी के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना चाहिए और उसकी पत्नी खैरून बीबी एवं पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की जानी चाहिए।
सरकार को लेनी होगी उपासो देवी की मौत का जिम्मेवारी
रघुवर दास ने पूछा है कि रामगढ़ के गोला अंतर्गत संग्रामपुर गांव में तीन अप्रैल को दलित महिला उपासो देवी की भूख से हुई मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है। ऐसे मामलों को दबाने से काम नहीं चलेगा। सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। जनता को बताना होगा कि चुनाव में किए गए वादों का क्या हुआ? जब वह चीख-चीख कर कहा करते थे उनके राज्य में कभी मॉब लिचिंग और भूख से किसी गरीब की मौत नहीं होगी।
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