झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर विधेयक पारित होने के बाद राज्य में भीड़तंत्र ने एक बार फिर कानून को अपने हाथ में लिया। सिमडेगा जिले में साखू पेड़ की लकड़ी काटने से नाराज ग्रामीणों ने पूर्व नक्सली को घर से निकालकर पहले पीटा। फिर जिंदा जला दिया। घटना मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजे जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बंदरचुंवा पंचायत के बेसराजारा गांव में हुई। भीड़ की हिंसा का शिकार हुए युवक का नाम संजू प्रधान है।
ग्रामीणों ने पुलिस को गांव में घुसने से रोका
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को गांव में घुसने से रोक दिया। हालात को नियंत्रित करने के लिए 3 थानों की पुलिस, वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन को मौके पर रवाना किया । पुलिस अधीक्षक डाॅ. शम्स तब्रेज खुद मौके पर पहुंचे। किसी तरह हालात को संभाला गया। घटना के बाद अब तक इलाके में तनाव बना हुआ है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
नक्सली संगठन से जुड़ा रहा
बताया जा रहा है कि मरने वाला युवक पहले नक्सली संगठनों से जुड़ा हुआ था। जिले के 3 अलग-अलग थाना क्षेत्रों में युवक पर अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज था। इसके अलावा वन संपत्ति की चोरी के मामले में भी 1 केस पंजीकृत था। बताया जा रहा है कि युवक पर आरोप था कि वह अक्सर जंगल के इलाके से साखू पेड़ की लकड़ियां काटकर बेचता था। स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग इन वृक्ष की पूजा करते हैं। लिहाजा युवक को कई बार इसके लिए मना किया गया था।
कुछ ऐसे हुई घटना
मंगलवार दोपहर 2:00 बजे के आसपास ठेठईटांगर प्रखंड के बंबलकेरा गांव के लगभग 200 से 250 ग्रामीणों की भीड़ संजू के घर पहुंची। जंगल से लकड़ी काटने का आरोप लगाकर युवक की पिटाई शुरू कर दी गई। मां और पत्नी भीड़ से दया की गुहार लगाती रहीं। किसी ने महिलाओं की बात नहीं सुनी। ग्रामीणों के सिर पर खून सवार था।
लोगों की पिटाई में जब युवक पूरी तरह अधमरा हो गया तो घर के पास रखी लकड़ी के ऊपर युवक की चिता सजाकर उसे जिंदा जला दिया गया। घटना की जानकारी मिलने पर कोलेबिरा पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पहुंची। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद हालात को नियंत्रण में किया गया। अग्निशामक वाहन से चिता की आग बुझाई गई। इसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सिमडेगा भेजा।
धार्मिक भावनाएं आहत होने के कारण हुई घटना
पुलिस अधीक्षक डा. शम्स तब्रेज ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह पता चला है कि स्थानीय ग्रामीणों की धार्मिक भावनाएं आहत होने के कारण यह घटना हुई है। स्थानीय लोग साखू के पेड़ की पूजा करते हैं। युवक पर इन पेड़ों की लकड़ियों की चोरी का आरोप था। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
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