महाराष्ट्र से मजदूरी की तलाश में झारखंड पहुंचा मजदूरों का परिवार पलामू में फंस गया। परिवार बगैर भोजन किए करीब 48 घंटे तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में भटकता रहा। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक पलामू पुलिस अधिकारियों को भेजकर परिवार को भोजन कराया। इसके बाद अपने खर्च से वापस भेजने की व्यवस्था कराई।
दरअसल महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले एक परिवार को काम दिलाने के बहाने एक ठेकेदार पलामू के मेदिनीनगर लेकर आया। परिवार में कुल 6 सदस्य थे। परिवार से वादा किया गया था कि पलामू में टेलीफोन लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसमें काम मिलेगा। पलामू पहुंचने के बाद ठेकेदार मजदूरों को स्टेशन पर ही छोड़कर फरार हो गया। परिवार पिछले 2 दिनों से शहर में इधर-उधर भटक गया था। परिवार के पास खाने पीने से लेकर वापस लौटने तक के पैसे नहीं थे।
मामले की जानकारी मिलने के बाद पलामू के स्थानीय छात्र नेता ने पुलिस अधीक्षक पलामू को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर ट्रैफिक प्रभारी आरएन सरस मौके पर पहुंचे। परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली। परिवार ने बताया कि उन्हें काम दिलाने के लिए रमेश शिंदे नामक ठेकेदार नागपुर से झारखंड लेकर आया। इसके बाद इन्हें स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया। ठेकेदार का मोबाइल नंबर तक बंद आ रहा है। परिवार में 2 महिलाएं,2 पुरुष और 2 बच्चे हैं। इन लोगों ने 48 घंटे से खाना तक नहीं खाया था।
परिवार की परेशानी समझने के बाद ट्रैफिक प्रभारी ने मामले की सूचना पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा को दी। परिवार को पुलिस के अधिकारियों ने खाना खिलाया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने इस परिवार को अपने खर्च से वापस नागपुर भेजने का फैसला किया। ट्रेन में डालटनगंज रेलवे स्टेशन से पुणे तक का रिजर्वेशन कराया गया । रास्ते में खर्च के लिए कुछ पैसे देकर परिवार को रवाना किया गया।
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