चतरा पुलिस ने बिहार-झारखंड में अब तक 30 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी के सदस्य रमेश गंझू उर्फ अंकित उर्फ हरिकेश उर्फ आजाद जी को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर झारखंड और बिहार के विभिन्न थानों में इसके विरुद्ध 45 से अधिक मामले दर्ज हैं। यह 15 लाख रुपए का इनामी अपराधी है। 2013 में ही चतरा के कुंदा थाना क्षेत्र में रमेश गंझू के नेतृत्व में TPC के 13 उग्रवादियों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनके हथियार भी लूट लिए गए थे। यह जानकारी गुरुवार को DIG नरेंद्र कुमार सिंह ने दी।
DIG ने बताया- '2013 में ही औरंगाबाद (बिहार) में रमेश गंझू के नेतृत्व में पुलिस कैंप पर हमला किया गया था। इसमें रमेश गंझू व अन्य नक्सलियों ने पुलिस के 30 राइफल लूट लिए थे। गिरफ्तार नक्सली रमेश गंझू सदर थाना क्षेत्र के कोरचा गांव का रहने वाला है। चतरा एसपी राकेश रंजन को सूचना मिली थी कि नक्सली आजाद लावालौंग थाना क्षेत्र के बरवाडीह जंगल में घूम कर रहा है। इस सूचना पर पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने बुधवार देर रात लावालौंग थाना क्षेत्र के बरवाडीह जंगल में छापेमारी अभियान चलाकर नक्सली को गिरफ्तार कर लिया।'
संगठन में क्रूरता के लिए जाना जाता था रमेश गंझू
DIG ने बताया- 'लगभग 20 वर्षों से भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय नक्सली रमेश गंझू संगठन में क्रूर नक्सली के रूप में जाना जाता था। 2013 में पलामू में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद मारे गए पुलिसकर्मियों के पेट में नक्सली रमेश गंझू ने ही बम प्लांट किया था। जब पुलिस के अधिकारी नक्सलियों का शव उठाने गए तो बम विस्फोट कर गया और फिर से पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।'
6 माह से अफीम तस्करी में जुटा था गिरफ्तार नक्सली आजाद
DIG नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया- 'गिरफ्तार नक्सली पिछले 6 माह से नक्सली गतिविधि कम कर अफीम तस्करी में जुटा था। उसके पास से गिरफ्तारी के समय डेढ़ लाख रुपए नगद भी बरामद किया गया है। गिरफ्तार नक्सली को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।'
झारखंड के कौलेश्वरी और बिहार के मगध जोन के रीजनल कमेटी सदस्य रमेश गंझू के नाम की बिहार और झारखंड में तूती बोलती थी। वो बिहार- झारखंड में विकास कार्यों में जुटे ठेकेदारों से लेवी वसूली का काम कर रहा था।
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