झारखंड के गढ़वा जिले में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां पढ़ने वाले बच्चे हाथ जोड़कर नहीं, बल्कि हाथ बांधकर 'तू ही राम है तू ही रहीम है' प्रार्थना करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कूल के अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं। गांव में भी 75% आबादी मुस्लिमों की ही है। गांव वालों ने इसे लेकर प्रिंसिपल योगेश राम पर दबाव बनाया था।
प्रिंसिपल का आरोप है कि स्थानीय लोगों के दबाव में यह सिलसिला पिछले 9 साल से चल रहा है। ग्रामीणों की जिद के आगे वह मजबूर होकर ऐसा करवा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी इसकी शिकायत की थी। मामला जब राज्य के शिक्षा मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच का आदेश दिया।
मंगलवार को ही जिला शिक्षा अधिकारी अपनी टीम के साथ स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने भी कहा कि हम लोग हाथ बांधकर प्रार्थना करते हैं, सर बोलते हैं, इसलिए करते हैं। विद्यालय से निकले पूर्व छात्र जहूर ने कहा कि जब हम लोग छोटे थे तो हाथ जोड़कर ही प्रार्थना किया करते थे और हाथ नहीं बांधते थे।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी
राज्य के गढ़वा जिले के स्कूल में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा प्रार्थना बदलवाने के मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच का आदेश दिया है। महतो ने इस संबंध में गढ़वा जिले के डिप्टी कमिश्नर को जांच करने काे कहा है। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह ही उन्हें भी घटना की जानकारी मिली। उसके बाद उन्होंने वहां के DC से फोन पर बात कर उन्हें निर्देश दिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होगा। डीसी के अलावा गढ़वा के एसपी से भी बात हुई है। उन्हें भी इस मामले में ध्यान रखने को कहा गया है। इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
वहीं इस मामले को लेकर कोरवाडीह पंचायत के मुखिया शरीफ अंसारी ने कहा- यह जानकर मैं हैरान हूं। इस गांव में गंगा-जमुनी तहजीब है, स्कूल नियम से चलेगा, किसी के कहने से नहीं, यदि किसी ने इस तरह कुछ कहा है तो हम उसे चिह्नित करेंगे, प्रार्थना और दुआ से इस गांव की बदनामी नहीं होने देंगे।
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