पलामू जिले में बिजली संकट का कारण केंद्रीय बिजली कंपनी एनटीपीसी, डीवीसी व निजी बिजली कंपनियों का करोड़ों रुपए का बकाया बिल है। इस कारण कंपनियां पलामू जिले समेत झारखंड को बिजली आपूर्ति में कटौती कर रही है । साथ ही झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, जेवीवीएनएल भी बिजली संकट दूर करने के लिए पावर एक्सचेंज से बिजली परचेज नहीं कर पा रही है।
जेवीवीएनएल का पलामू जिले के विद्युत उपभोक्ताओं पर 51 करोड़ 53 लाख 69 हजार 267 रुपए बकाया है। इसमें सरकारी विभागों पर बकाया बिजली बिल की राशि भी शामिल है। मेदिनीनगर विद्युत आपूर्ति के विद्युत महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता मनमोहन कुमार बताते हैं कि राजस्व संग्रह में पलामू की स्थिति चिंताजनक है। यहां से महज 20 प्रतिशत राजस्व का संग्रहण हो रहा है। इस कारण पीक ऑवर में बिजली की कटौती की जा रही है। पलामू जिले के विद्युत उपभोक्ताओं के द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किए जाने के फलस्वरूप पीक ऑवर में रोजाना शहरी क्षेत्र में 5 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में करीब 10 घंटे बिजली कटौती की जा रही है।
सुबह 6 बजे से 10 बजे तक व शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक सेंट्रल पुल से बिजली कटौती हो रही है। इस दौरान सुदना सब ग्रिड को 70- 80 मेगावाट के बजाए 20-25 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है। जिस कारण शहरी क्षेत्र में प्रत्येक फीडर में एक-एक घंटे के अंतराल पर बिजली आपूर्ति की जा रही है।
बिजली की खरीद में आड़े आ रही केंद्र सरकार की नीति
बिजली खरीद में केंद्र सरकार की नई बिजली खरीद नीति आड़े आ गई है । केंद्र सरकार ने 22 जून 2022 को राज्यों के लिए नई बिजली नीति लागू की। इसके अनुसार, बिजली कंपनियों को बकाया बिल का भुगतान 45 दिनों के अंदर अनिवार्य है । लंबित होने पर राज्य को बिजली पावर एक्सचेंज से खरीदने पर नहीं मिलेगी । जब तक बकाया क्लियर नहीं किया जाएगा तब तक जेवीवीएनएल पावर एक्सचेंज से पीक ऑवर व बिजली संकट अचानक होने पर पावर परचेज नहीं कर नहीं सकेगा।
इस कारण बिजली पूरी नहीं आपूर्ति हो पा रही है। इस कारण ग्रामीण इलाकों में बिजली की कटौती की जा रही है। यही हाल जिले के बी.मोड़ सब ग्रिड और पचंबा ग्रिड का है, जहां पीक ऑवर में 25 प्रतिशत ही बिजली आपूर्ति की जा रही है। इससे इस क्षेत्र से जुड़े इलाके में बिजली की कटौती की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि बिल का भुगतान होने पर समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
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