झारखंड वन श्रमिक यूनियन ने बकाया मजदूरी समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के क्षेत्र निदेशक सह मुख्य वन संरक्षक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन दिया।
यूनियन के बैनर तले पीटीआर के आठों रेंज के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन विरोधी नारे लगाए। अध्यक्ष सिद्धिनाथ झा ने कहा कि पीटीआर में 400 दैनिक श्रमिक कार्यरत हैं। इसमें से 50 मजदूरों को मजदूरी राज्य योजना से दी जाती है।
जबकि 350 मजदूरों को केंद्र प्रायोजित योजना 50:50 और 60:40 से मजदूरी दी जाती है। लेकिन बीते तीन वित्तीय वर्षों में आवंटन का अभाव बताकर किसी रेंज में 3 माह तो किसी रेंज में 4 माह तो किसी रेंज में 6 माह मजदूरी बकाया है। इसकी कुल राशि 98 लाख रुपए है।
पीटीआर प्रबंधन के अनुसार सरकार से 80 प्रतिशत ही आवंटन उपलब्ध होने के कारण मजदूरों की मजदूरी लंबित है लेकिन सच यह है कि प्रबंधन आवंटित राशि को खर्च करने में विफल रहा है। जिस कारण प्रबंधन शेष आवंटन की मांग नहीं कर सका। इस कारण मजदूरों का मजदूरी हर साल लंबित होता गया। अगर 15 दिनों में बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ तो 22 फरवरी से यूनियन बेमियादी धरना-प्रदर्शन करेगी।
मौके पर महामंत्री मोमिन अंसारी, मुकुट स्टीफन तिर्की, बेनेदिक लकड़ा, मनोज पासवान, जीतवाहन सिंह, सुधीर कुमार तिवारी, अशोक सिंह श्रीकांत मिश्रा आदि ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मियों की सेवा को नियमित नहीं किया गया। उनलोगों को विभाग के द्वारा परिचय पत्र भी प्रदान नहीं किया गया। उनलोगों को परिचय पत्र प्रदान करने के साथ-साथ सेवा का नियमितिकरण किया जाए।
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