कोयला कर्मियों के नए वेतन समझौते को लेकर अबतक जेबीसीसीआई-11 छह बैठकें हो चुकी है। बुधवार को सातवीं बैठक कोलकाता स्थिति कोल इंडिया मुख्यालय में दिन के 11:00 बजे से शुरू होगी। लेकिन कोयला मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग (डीपीई) को द्वारा बनाए गए प्रावधानों में छूट देने की अनुशंसा से संबंधित आदेश जारी नही हो पाया है।
जिसके कारण बुधवार को होने वाली सातवीं बैठक से कोयलाकर्मियों को बहुत उम्मीद नही है। सीटू के महासचिव डीडी रामनंदन ने बताया, डीपीई की ओर से गाइडलाइन में छूट से संबंधित आदेश अभी तक नही आया है, इसलिए फिर से बैठक की नई तारीख मिल सकती है।
एमजीबी : 50 से 30 प्रतिशत पर आए मजदूर, प्रबंधन 10 पर अटका
श्रम संगठन के नेताओं के अनुसार, मजदूर संगठनों ने सबसे पहले 50 प्रतिशत एमजीबी (मिनिमम गांरटी बेनिफीट) की मांग की थी। दो सितंबर को सीआईएल मुख्यालय, कोलकाता में जेबीसीसीआई-11छठी बैठक में प्रबंधन 10 एमजीबी (मिनिमम गांरटी बेनिफीट) तक बढ़ी थी। परंतु, बैठक में शामिल यूनियनें 30 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) पर अड़ी रहीं। उस समय कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा अगली बैठक में इस पर चर्चा का भरोसा दिया था।
इसलिए श्रम संगठन के नेताओं के साथ-साथ कोल इंडिया के करीब दो लाख 40 हजार मजदूरों को भी इस बैठक से उम्मीद है कि एमजीबी पर प्रबंधन सम्मानजनक बढ़ोतरी करेगी। इधर, कोयलाकर्मियों के नए वेतन समझौते पर अब तक संतोषजनक समझौता नहीं होने के कारण मजदूर संगठनों का आक्रोश में धीरे-धीरे उबाल पकड़ रहा है।
डीपीई की गाइडलाइन का हवालादेने के बाद गेंद अब वित्त मंत्रालय के पाले में
जेबीसीसीआई-11 के लिए डीपीई के निहित प्रावधानों में छूट खास मायने रखती है। क्योंकि प्रबंधन पिछली बैठक में 11 वां वेतन समझौता में 10 फीसदी एमजीबी बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने 50 फीसदी मिनिमम गारंटी बेनीफिट का प्रस्ताव पहले रखा। इसके बाद 30 फीसदी पर गए। ऐसे में कोयला मंत्रालय ने डीपीई की गाइडलाइन का हवाला देते हुए इसे वित्त मंत्रालय के पाले में डाल दिया है।
लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई प्रावधानों में छूट देने की अनुशंसा संबंधी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है। बैठक होने से पहले इस पर कोई निर्णय नहीं आया तो 30 फीसदी एमजीबी के बजाय इससे कम पर जेबीसीसी सदस्यों व कोल इंडिया प्रबंधन के बीच समझौता होता है तब ही कोयला कर्मियों के लंबित 11 वां वेतन समझौता लागू होने की उम्मीद जतायी जा रही है।
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