जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुरमगढ़ व सदर थाना के सीमावर्ती इलाके में पड़ने वाले केरागानी जंगल में बुधवार की अहले सुबह एक बार फिर प्रेशर आईईडी के ब्लास्ट होने से रामदेव मुंडा (45) मौत हो गई है। रामदेव बारडीह गांव का रहने वाला था। इस ब्लास्ट में उसका बड़ा भाई रामलाल मुंडा भी घायल हो गया है। उसके चेहरे पर मामूली चोटें आई हैं। एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने इसकी पुष्टि की है।
मंगलवार को केरागानी जंगल में आईईडी विस्फोट के बाद से ही पूरे इलाके की घेराबंदी कर कोबरा, जिला बल व सीआरपीएफ की टुकड़ियां सर्च अभियान में जुटी हुई थीं। यह देर रात तक चलने के बाद रुक गया था। जवान रात्रि विश्राम करने के बाद दूसरे दिन बुधवार को फिर से सर्च अभियान में जुट गए थे।
इसी दौरान केरागानी,मरवा व बरडीह के कई ग्रामीण नक्सली फरमान के बावजूद जंगल पहुंचकर जलावन चुनने व मवेशी चराने के काम में जुटे थे। रास्ता बताने में मदद के लिए रामदेव सबसे आगे चल रहा था,जबकि उसका भाई व जवान पीछे-पीछे चल रहे थे। माओवादी संगठन के नक्सली बुधेश्वर उरांव व रंथू उरांव ने पुलिस को क्षति पहुंचाने और अपनी सुरक्षा को लेकर पूर्व से बिछाए गए प्रेशर आईईडी के ऊपर दुर्भाग्यवश रामदेव का पैर पड़ गया।
एयरलिफ्ट की डिमांड की, पर सड़क तक आने में रामदेव की हो गई थी मौत
आईईडी जोरदार आवाज के साथ ब्लास्ट कर गया। रामदेव के शरीर के चीथड़े उड़ गए। वहीं उसका भाई घायल हो गया। जवानों ने फौरन घटनास्थल पर ही दोनों का इलाज शुरू किया। वरीय अधिकारियों को सूचना दी। मुख्यालय से एयर लिफ्ट की डिमांड की। जवान दोनों भाइयों को साथ लेकर मुख्य सड़क पर पहुंचे। डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस टीम शव को सदर थाना लेकर पहुंची।फिर उनके परिजनों के आने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
मंगलवार को इसी जंगल में हुए ब्लास्ट में कोबरा बटालियन का हिस्सा रहे आईईडी स्पेशलिस्ट बेल्जियन शेफर्ड नस्ल का डॉग ड्रोन शहीद हो गया था। वहीं, डॉग हैंडलर कोबरा जवान विश्वजीत कुंभकार गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। घायल जवान को वायुसेना के हेलिकॉप्टर से रांची लाया गया है।
मृतक के दो भाई बीएसएफ में त्रिपुरा और राजस्थान में तैनात
मृतक राम देव के चार भाई हैं। इनमें रामलाल मुंडा सबसे बड़ा है। रामलाल से दो छोटे भाई घूरना मुंडा व जेठनाथ मुंडा है। दोनों भाई बीएसएफ के जवान हैं।इनमें घूरना त्रिपुरा व जेठनाथ राजस्थान में पोस्टेड हैं। पत्नी फूलमनी देवी बेसुध हो जा रही थी। वहीं बड़ा बेटा सूरज मुंडा, अमरदीप मुंडा व राजदीप मुंडा ने कहा बुधेश्वर अपनी जान बचाने के लिए गांव के गरीब की जिंदगी को दांव में लगा दिया है। उसके द्वारा बिछाए गए आईईडी से हमारे पिता की जान चली गई, आखिर उनका क्या कसूर था।
एसपी ने मृतक के परिजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की
रामदेव की मौत के बाद थाना पहुंचे परिजनों से मिलकर एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने संवेदना प्रकट की। ढांढ़स बंधाया। कहा कि केरागानी जंगल में मंगलवार को हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा बलों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था। जंगल में मवेशी चराने वाले ग्रामीण पुलिस बल को मदद कर रहे थे। दुर्भाग्यवश रामदेव का पैर नक्सली द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान के लिए लगाए गए प्रेशर आईईडी पर पड़ गया।
नक्सलियों की करतूत से महेंद्र का जीवन बर्बाद हुआ
जंगलों में नक्सलियों के द्वारा किए गए आईईडी प्लांट की चपेट में लगातार पुलिस के साथ निर्दोष ग्रामीण भी आ रहे हैं। 25 फरवरी की घटना के ठीक दो दिन बाद 27 फरवरी को मरवा जंगल में आईईडी ब्लास्ट में एक ग्रामीण महेंद्र महतो घायल हो गया था। उसका एक पैर उड़ गया था। इसके बाद उसे इलाज के लिए एयर लिफ्ट से रांची ले जाया गया था। रांची से इलाज के बाद वह गांव लौट चुका है। लेकिन अब वह चल फिर नहीं सकता है।नक्सलियों की करतूत का दर्द जीवन भर उसे याद रहेगा।
पुलिस का सर्च अभियान और तेज हुआ नक्सलियों के सफाया का संकल्प लिया
कुरुमगड़ व आसपास के जंगलों में पुलिस का सर्च अभियान और तेज हो गया है। इस अभियान को एसपी खुद लीड कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस बल को भी घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। पुलिस का एकमात्र लक्ष्य बुधेश्वर व रंथू दस्ते के सफाया का है। वहीं जंगलों से एक-एक प्रेशर आईईडी को डिफ्यूज करना है। हाल के दिनों में जिले में इस प्रकार आईईडी ब्लास्ट की कई घटनाएं घटित हो चुकी है। बीते 25 फरवरी को बुधेश्वर को घेरने रोरेद जंगल में घुसी थी। पुलिस उसे जीवित पकड़ने के उद्देश्य से काफी नजदीक पहुंच चुकी थी, पर वह एक आईईडी विस्फोट कर भाग निकला था। इसमें सीआरपीएफ का जवान रॉबिन्स कुमार घायल हो गए थे।
लगातार दो दिन हुए ब्लास्ट की घटना से ग्रामीणों में दहशत
इधर एक एक कर लगातार दो दिन हुए ब्लास्ट की घटना के बाद केरागानी,मरवा, कोचागानी,रोरेद, सिविल, लोटा कोना,डुमरी आदि जंगलों में निवास करने वाले ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल है।दोनो घटनाओं के बाद भी ग्रामीण चुप्पी साधे हुए है। हालांकि दबी जुबान कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में बुधेश्वर, रंथू व लाजिम का दस्ता अब भी घूम रहा है। वे ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने पर रोक लगा रखे हैं।
इस कारण ग्रामीण उस ओर छह माह से नहीं जा रहे हैं।लेकिन कुछ ग्रामीण चोरी चुपके जंगल मे प्रवेश कर जाते हैं। इस कारण ब्लास्ट के बाद जान- माल की क्षति की संभावना बनी रहती है। ग्रामीणों ने कहा कि ब्लास्ट में पुलिस व ग्रामीण को होने वाली क्षति ही सुर्खियों में आती है। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक चार दर्जन से अधिक मवेशियों की भी ब्लास्ट में मौत हो चुकी है।
मरवा जंगल में एक नक्सली मारा गया था
31 मई को कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र के मरवा जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को मार गिराया था, जबकि उसके बाकी साथी जवानों को भारी पड़ता देख मौके से भाग निकले थे। सुरक्षाबलों ने मारे गए नक्सली के पास से एक देसी रायफल भी बरामद की थी। मौके से 33 पीस आईईडी बम, गोली समेत सामा मिला था।
नक्सलियों ने आईईडी बम बिछा रखा है
माओवादी नक्सली संगठन में जोनल कमांडर सह प्रवक्ता के पद पर आसीन 15 लाख रुपए का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव अपनी सुरक्षा के लिए केरागानी, मरवा,सिविल, कोचा गानी,रोरेद आदि जंगलों समेत कई नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जगह-जगह पर आईईडी बम बिछा रखा है। ताकि पुलिस उस तक आसानी से नहीं पहुंच सके।
पुलिस विभाग ने तुरंत दी परिजनों को सहायता
एसपी ने कहा कि मृत रामदेव के परिवार को राज्य पुलिस विभाग द्वारा तत्काल पच्चास हजार रुपए, प्रखंड कार्यालय से अंतिम संस्कार के लिए दस हजार रुपए,अम्बेडकर आवास, विधवा पेंशन,एक माह का खाद्यान्न आदि का लाभ दिया गया है। साथ ही उग्रवादी हिंसा के तहत बड़े बेटे को सरकारी नौकरी, अन्य अनुदान राशि व नियम के अनुसार सरकारी सुविधा प्रदान की जाएगी।
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