गणतंत्र दिवस परेड में भले ही झारखंड की झांकी को न शामिल किया गया हो, पर राजपथ के दोनों तरफ हजारीबाग की सोहराय कला और कोहबर आर्ट जैसी कलाकृतियां दिखेंगी। साथ ही झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र भी प्रदर्शित किए जाएंगे। जस्टिन इमाम, अलका इमाम के कोआर्डिनेशन में हजारीबाग की महिला कलाकारों ने इन कलाकृतियों को बनाय है, जिसमें प्राकृतिक रंग का उपयोग किया गया है।
जस्टिन इमाम ने बताया कि इसके लिए नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की ओर से 8 जनवरी को निमंत्रण आया। 12-17 जनवरी तक कलाकृति का प्रदर्शन हुआ। विभिन्न राज्यों के 200 कलाकार जुटे और अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें हजारीबाग से सोहराय कला और कोहबर आर्ट का चयन हुआ।
गणतंत्र दिवस पर आयोजि कला प्रदर्शनी के लिए देश के विभिन्न हिस्सों को 4 भागों में बांटा गया था। इसमें एक भाग भुनेश्वर जोन में बंटा है, जिसके अंतर्गत झारखंड की कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी।
सपूताें का भी सम्मान
16 फीट ऊंची और 750 मीटर लंबे पथ के दोनों तरफ झारखंड के सपूतों का संस्मरण कला के माध्यम से अंकित होगा। आजादी में योगदान देने वाले नीलांबर पितांबर, शेख भिखारी, जाफरा कान्हा भगत, टाना भगत, सिद्धू कान्हू, फूलो झानाे मुर्मू शामिल होंगे। इसको हजारीबाग की कलाकार पार्वती देवी, गवाह दुलारी एक्का, शांति प्रमिला लकड़ा, सुनीता लकड़ा, किरणप्रभा लकड़ा आदि ने बनाया है।
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