ताउते और यास चक्रवात के प्रभाव से मई माह में रिकार्ड 159 मिमी. बारिश से पलामू के किसान उत्साहित है। बारिश खुलने के दो दिन बाद किसान खेती-किसानी में जुट गए हैं। बारिश से खेतों में हुई नमी का फायदा उठाते हुए किसान खेतों की जुताई में लग गए है। वहीं, जिन किसानों ने 18 मई को ताउते के प्रभाव से हुई बारिश के उपरांत अपने उपरी खेतों की जुताई कर दी थी। उनके खेत में यास के प्रभाव से हुई बारिश से नमी ही नमी हो गयी। इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अपने खेतों में अरहर और मक्का की बुआई भी कर दी।
कृषि विज्ञान केंद्र, चियांकी के हेड सह वरीय वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार बताते है कि इस बार मानसून के ससमय आने की संभावना है। 15-16 जून तक मानसून के पलामू आने की संभावना है। मानसून के बारिश से अरहर और मक्का की फसल को लाभ होगा। वहीं, जिन किसानों ने खेतों की जुताई नहीं की है,वह जल्द से जल्द उपरी खेतों की जुताई कर दें ताकि मानूसन की पहली बारिश के उपरांत मक्का और अरहर की बुआई कर सके। जिन किसानों के पास पानी की सुविधा है, वह धान का बिचड़ा गिरा दें ताकि अगात में धान की रोपाई कर सके।
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