बुधवार को जिला परिषद के कार्यकारी समिति की बैठक समाहरणालय के डीआरडीए सभागार में संपन्न हुई। बैठक में 15वें वित्त आयोग मद अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020- 21 में ली गई योजनाओं की प्रगति तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में लिए जाने वाली योजनाओं कि चर्चा की गई।
बैठक के दौरान उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज ने कहा कि जिला परिषद का उद्देश्य है कि वे जिला परिषद के आय से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करें, ऐसे में जरूरी यह है कि ऐसी योजनाओं को लिया जाए जिससे कि ग्रामीणों को लाभ मिल सके।
उन्होंने वरीयता प्राप्त सेक्टर जैसे पेयजल, स्वच्छता तथा स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं को लेने की बात कही।उन्होंने जिला परिषद के आय से आंगनबाड़ी केंद्रों तथा सरकारी स्कूलों को सुदृढ़ करने की बात कही। उन्होंने बताया कि जिला परिषद के राजस्व की स्थिति खराब है ऐसे में जिला परिषद को अपने आय के स्रोत को बढ़ाना होगा।
बैठक में उप विकास आयुक्त ने कहा कि वैसे दुकानें जिन्होंने पिछले कई महीनों से किराया नहीं दिया है, उन्हें अगले एक महीने में पिछला पूरा किराया का भुगतान करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व वसूली में कोताही बर्दाश्त नहीं : उपायुक्त
उपायुक्त शशि रंजन ने बुधवार को राजस्व से जुड़े सभी विभागों को राजस्व संग्रहण में तेजी लाने का निर्देश दिया।उपायुक्त ने कहा कि इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि राजस्व उगाही में सभी रुकावटों को दूर करते हुए लक्ष्य के प्रति केंद्रित रहें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभागों के राजस्व वसूलने के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। ऐसे में संबंधित अधिकारी अपने अपने राजस्व वसूलने के लिए किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रहण जिले की कार्यप्रणाली का अहम हिस्सा है। इस कार्य में पारदर्शिता आवश्यक है, उन्होंने पदाधिकारियों को लोगों को कर भुगतान करने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया।
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